अमेरिका और पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ाई में अपनी कोशिशों को दोगुना करने का संकल्प किया है। लेकिन वक्तव्य में असैन्य परमाणु करार का कोई जिक्र नहीं है। हालांकि वाशिंगटन ने इस्लामाबाद से यह वादा किया है कि वह उसकी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा।
पाकिस्तानी अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद सामरिक वार्ता में कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका की मध्यस्थता के बारे में कोई चर्चा नहीं की गई।
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच अब तक की पहली कैबिनेट स्तरीय सामरिक वार्ता गुरुवार को वाशिंगटन में समाप्त हुई। वार्ता के दौरान दोनों देशों ने अफगानिस्तान सहित पूरे क्षेत्र में शांति एवं स्थायित्व की अहमियत को एक बार फिर से स्वीकारा।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के तार तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े होने के संदेह के बावजूद अमेरिका ने पाकिस्तान पर भरोसा जताया और आतंकवाद से लड़ाई में उसके साथ मिलकर काम करने का ऐलान किया।
सामरिक वार्ता की समाप्ति के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ ने वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय सुरक्षा के सामने जो खतरा पेश किया है उसे दोनों पक्षों ने महसूस किया है।
पाकिस्तान ने अमेरिकी सुरक्षा मदद को सराहा और दोनों सरकारों ने आतंकवाद से मुकाबले की अपनी कोशिशों को दोगुना करने के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की। दोनों देशों ने लोकतंत्र, सहिष्णुता, खुलापन और आजादी तथा मानवाधिकारों के प्रति आदर के भाव की रक्षा करने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
बहरहाल, वार्ता से पहले पाकिस्तान के एजेंडे में शामिल दो अहम मुद्दों का इस पूरी वार्ता में कहीं जिक्र नहीं किया गया। इसमें पहला तो कश्मीर मसले पर अमेरिका का हस्तक्षेप संबंधी मुद्दा था, जबकि दूसरा अमेरिका और पाकिस्तान के बीच असैन्य परमाणु करार रहा।
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में अन्य अधिकारियों के साथ सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी भी शामिल थे। पाकिस्तान के सामने ओबामा प्रशासन की ओर से की गई अन्य पेशकश में कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं स्थापित करने और सड़क निर्माण के लिए दी जाने वाली राशि भी थी।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि अमेरिका पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा। अमेरिका ने ऊर्जा क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने की भी प्रतिबद्धता जाहिर की है, जिसमें सिग्नेचर एनर्जी प्रोग्राम के माध्यम से भी आपसी सहयोग में इजाफा करना शामिल है।
पाकिस्तान के पांच प्रमुख शहरी इलाकों में कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं स्थापित करने के लिए अमेरिका ने उसे चार लाख अमेरिकी डॉलर की राशि भी मुहैया कराई है। पाकिस्तान में कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं सामरिक तौर पर अहम जगहों पर स्थापित की जाएंगी।
मलकंद इलाके के पुनर्निर्माण में मदद के मकसद से पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत में सड़क निर्माण कार्य के लिए भी पाकिस्तान को चार करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि मुहैया कराई गई है। बयान में कहा गया है कि मानव जीवन और विकास के लिए पानी की अहमियत को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों ने सामरिक वार्ता के दौरान जल-संरक्षण और वाटरशेड मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देने के मकसद से अलग क्षेत्रीय मार्ग जोड़ने का फैसला किया। इसमें जल परियोजनाओं में अमेरिकी सहायता पर भी विचार किया गया।
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