पृथ्वी और धनुष मिसाइलों का सफल परीक्षण !!


भारत ने शनिवार को उड़ीसा के तट से कुछ दूर पर चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से परमाणु क्षमता सै लैस पृथ्वी और धनुष मिसाइलों का सफल परीक्षण किया।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि स्वदेश में निर्मित सतह से सतह पर मार करने वाले पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र को एटीआर के परिसर तीन से एक सचल प्रक्षेपक द्वारा सुबह करीब पांच बज कर 48 मिनट पर दागा गया।

संक्षिप्त दूरी का यह प्रायोगिक परीक्षण सेना ने उपयोगी परीक्षण के तौर पर किया था। सतह से सतह पर मार करने वाला यह प्रक्षेपास्त्र सैन्य बलों में शामिल किया जा चुका है। सूत्रों ने बताया कि सामरिक बल कमान (स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड) ने इस प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया।

पृथ्वी देश के प्रतिष्ठित एकीकृत निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित पहला बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। यह 500 किग्रा आयुध ले जाने में सक्षम है तथा तरल प्रणोदक दोहरे इंजन से यह संचालित होता है।


पृथ्वी में अत्याधुनिक इनर्शियल गाइडेन्स सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। यह आसानी से लक्ष्य को भेद सकता है। इसकी लंबाई नौ मीटर और व्यास एक मीटर है। सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के दौरान अत्याधुनिक रडारों की मदद से इसकी दिशा की गहन निगरानी की गई। प्रक्षेपण के बाद के घटनाक्रम का विश्लेषण करने के लिए विभिन्न स्थानों पर इलेक्ट्रो ऑप्टिक टेलीमेट्री स्टेशन्स लगाए गए थे।

यह प्रक्षेपास्त्र बंगाल की खाड़ी में गिरा जहां इसके प्रभावों का अध्ययन करने के लिए नौसेना का एक पोत तैयार था। इसके अलावा लंबी दूरी का एक ट्रैकिंग रडार (एलआरटीआर) और बहु आयामी ट्रैकिंग रडार (एमएफटीआर) भी तैनात किए गए थे, ताकि इसके पथ की निगरानी की जा सके।

इसके साथ ही पोत आधारित बैलास्टिक मिसाइल धनुष का भी सफल प्रायोगिक परीक्षण किया गया। उड़ीसा तट से कुछ दूर एक नौसैनिक पोत से दाग कर उसका सफल प्रायोगिक परीक्षण किया गया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 350 किमी है।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि मिसाइल पुरी के निकट बंगाल की खाड़ी में आईएनएस सुभद्रा पोत से दागी गई। भारतीय नौसेना के कर्मियों ने अपने एक प्रशिक्षण अभ्यास के एक हिस्से के तौर पर इसे दागा। परमाणु क्षमता संपन्न धनुष पृथ्वी मिसाइल का ही नौसैनिक संस्करण है। इसकापरीक्षण सुबह 5.44 पर किया गया।

सूत्रों ने बताया कि इस प्रक्षेपास्त्र ने लक्ष्य का सटीक तौर पर पीछा किया और इस दौरान इसके पथ की निगरानी की गई। इसके लिए लक्ष्य के समीप नौसेना के दो पोत तैनात किए गए थे। उन्होंने बताया कि 350 किमी की मारक क्षमता वाला प्रक्षेपास्त्र भारतीय नौसेना को दुश्मन के ठिकाने को पूरी स्पष्टता के साथ भेदने की क्षमता मुहैया कराएगा।

सूत्रों के अनुसार, आज प्रक्षेपक वाहन के पूरे पथ पर अत्याधुनिक रडार प्रणाली से निगरानी रखी गई। एक चरण वाला यह प्रक्षेपास्त्र तरल प्रणोदकों से संचालित होता है। यह दस मीटर लंबा है तथा इसका वजन करीब छह टन है। इसका व्यास एक मीटर है और यह 500 किग्रा आयुध ले जाने में सक्षम है।

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