विज्ञान ने हमारे लिए क्या किया है?
निस्संदेह इसने भौतिक धरात्तल पर ज्ञान के भण्डार को बढ़ाया है।
परन्तु, यह ज्ञान, आत्मज्ञान की तुलना में मूल्यहीन मात्र है।
सभी विज्ञान आत्मज्ञान पर आधारित हैं।
हम विज्ञान और विज्ञानिकों के आभारी हैं,
जो वर्षों तक बंद कमरों में बैठकर नई खोजों और अविष्कारों के लिए पूर्ण तन्मयता से कार्य करते हैं।
इनसे हमें सुख-साधन प्राप्त होते हैं।
लेकिन इन्होंने जीवन-यापन महंगा और विलासपूर्ण बना दिया है।
मनुष्य अब अधिक विचलित है।
आज की विलासिता के साधन कल की आवश्यकता बन जाते हैं।
जीवन-यापन का स्तर बहुत ऊঁचा उठ गया है।
कर्मचारी और अधिकारी जरुरतें पूरी करने के लिए झूठ बोलने और रिश्वत लेने से नहीं झिझकते।
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