कोई दारु में मर गया, कोई ऐश्वर्या पर मर गया
कुछ राजनीति में पर गये कुछ बहस में मर गये
पैसे,धर्म के लिए कुछ आपस में लड़मर गये
देखते होगे भगत सिंह जब स्वर्ग से तो कहते होगें
सुखदेव हम भी किन सालों के लिए मर गये।
श्री चमन लाल जी का चिरस्मरणीय भगत सिंह के लेख पर टिप्पणी
(अजीत कुमार मिश्रा)
2 comments:
वाह क्या बात है , भगत सिंह की आत्मा ये सब देख कर न जाने क्या सोचती होगी
वाह बहुत सही.
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