बाबा आसमान पर पहुँच गए क्योंकि इनके शिष्यों की तादाद पुरे देश में अद्भुत रूप से बढ़ी मगर इस भ्रम में कि ये लोगों का हुजूम योग गुरु के लिए है न कि देश के विभिन्न अन्य आयामों के लिए।
योग के माध्यम से बाबा रामदेव ने अकूत संपत्ति बनाई, अपनी औषध कंपनी जिसके व्यापार के लिए रामदेव और उसके शिष्यों ने तमाम हथकंडे अपनाए। जिस औषध कंपनी में बाबा के दवाओं का निर्माण होता है वहां के मजदूरों का शोषण का मामला सामने आया। इस मुड़े को जब वृंदा करात ने उठाया तो तमाम नेताओं के वोट बैक के खतरे ने करात का मुंह बंद करने पर मजबूर कर दिया।
पत्रकारिता भी अपने व्यापार के लिए बाबा का गुणगान करती रही बल्की राष्ट्रीय मुद्दों पर बाबा को शामिल कर इसके महत्वाकांक्षा को हवा दी। चाहे आज तक हो या इंडिया टी वी, जी न्यूज़ या फ़िर स्टार या फ़िर कोई अन्य खबरिया चैनल सभी ने अपनी अनपी टी आर पी के व्यवसाय के लिए राष्ट्रीय अस्मिता पर बाबा को शामिल किया नतीजा बाबा की महत्वाकांक्षा आसमान पर।
बीते दिनों दिल्ली से प्रकाशित इंडिया न्यूज़ साप्ताहिक ने बाकायदा बाबा पर खोजी पत्रकारिता कर तथ्य जुटाए और विस्तार से बाबा की असलियत को सामने लाया, मगर क्या ये कोशिश अमली जमा पहन सका ?
रामदेव विशेष इस अंक का शत प्रतिशत खपत रहा मगर आम जनों के पास नही अपितु बाबा के गुर्गों ने इस पत्रिका को बाजार से ही गायब करवा लोगों को हकीकत से रूबरू होने का रास्ता बंद कर दिया। इस पत्रिका के विशेष को एक ब्लॉग विशेष भड़ास ने तवज्जो से प्रकाशित की और आम लोगों के बीच हकीकत को ले जाने कि भी। ब्लॉग का प्रयास सराहनीय है।
आप भी इस पत्रिका में प्रकाशित ख़बर को पढ़ बाबा रामदेव की हकीकत से रूबरू हो सकते हैं जो कि यहाँ प्रकाशित है।
ब्लॉग के इस असाधारण कार्य की सराहना करता हूँ और संग ही बधाई देता हूँ पत्रिका के सम्पादक सुधीर सक्सेना जी को संग ही ख़बर इकठ्ठा करने वाली बहादुर पत्रकार वंदन भदौरिया को।
आप भी लिंक से पत्रिका को पढ़ें और अपनी अपनी राय को सामने रखें।
धन्यवाद।
3 comments:
इस जानकारी के लिए आभार !
सच को उजागर करने के लिए ऎसे प्रयास आवश्यक हैं ....
अच्छी जानकारी!
nice one....
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