आखिरकार कांग्रेस को कहना पड़ा कि थरूर को यह ध्यान रखना चाहिए कि कौन सी बात किस मंच पर रखनी है। थरूर ने ट्विटर पर टूरिस्ट वीजा नियमों को कड़ा किए जाने का मजाक उड़ाते हुए कई सवाल खड़े किए थे। कृष्णा द्वारा फटकार लगाए जाने के बावजूद थरूर ने ट्विटर पर लिखा, ‘यात्रा पर होने से मैं इस हायतौबा से वंचित रह गया।
मैं विदेश मंत्री कृष्णा की बहुत इज्जत करता हूं। उनके कहने के बाद तो मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। वीजा मसले पर मैं अब उन्हीं से बात करूंगा।’
कांग्रेस भी थरूर के ट्विटर प्रेम से हैरान-परेशान है। कांग्रेस के प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि अनेक मसलों पर लोगों के अलग-अलग विचार हो सकते हैं। फिर भी यह तय करना जरूरी है कि कौन-सी बात किस मंच पर रखी जाए। थरूर के ट्विटर प्रेम पर उन्होंने कहा कि कोई आदत धीरे-धीरे ही बदलती है।
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धन्यवाद इस खबर के लिये । नये साल की शुभकामनायें
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