इस बात का गुमान तो डीडीसीए की पिच और ग्राउंड कमेटी के चेयरमैन चेतन चौहान को भी नहीं था कि जिस अमेरिकन घास के ऊपर उन्होंने राजघाट की लोकल घास प्लांट करवाई है, वह एक दिन भारतीय क्रिकेट पर बदनुमा दाग बन जाएगी। फिरोजशाह कोटला की जिस पिच पर रविवार को श्रीलंकाई बल्लेबाज एक बाद एक घायल हो रहे थे उस पिच पर राजघाट की घास प्लांट की गई थी।
पिच पर पहले से मौजूद अमेरिकन घास के उपर इस लोकल घास को लगाया गया था। राजघाट की यह घास सही तरीके से सैट नहीं हो सकी। यही कारण रहा कि कभी गेंद ज्यादा बाउंस ले रही थी तो कभी एकदम नीची रह जाती थी। इस लोकल घास को राजघाट की नर्सरी से लाया गया था। भास्कर ने जब पिच के पेंच की पड़ताल की तो यह अहम खुलासा सामने आया। डीडीसीए की पिच और ग्राउंड कमेटी के चेयरमैन चेतन चौहान को अमेरिकन घास पर ज्यादा भरोसा नहीं था उन्होंने ही इस लोकल घास को अमेरिकन घास के ऊपर लगाने को कहा था।
कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने भी कहा था कि लगता है मानो गंजे के सिर पर बाल उगा दिए गए हों। खुद भरोसा नहीं था हमें: भास्कर ने इस मसले पर डीडीसीए की पिच और ग्राउंड कमेटी के पूर्व चेयरमैन चेतन चौहान से खास बात की। चौहान को डीडीसीए ने पिच बवाल के बाद हटा दिया है। चौहान ने माना कि पिच पर अमेरिकन घास अच्छी उगी थी लेकिन राजघाट से लाई गई लोकल घास सही तरीके से प्लांट नहीं हो पाई।
पिच पर खुरपों द्वारा छोटे-छोटे गड्ढे खोदकर उसमें राजघाट की नर्सरी से लाई गई दूब भरी गई। भराई के दौरान ही इसकी सेटिंग ठीक से नहीं हो सकी। दूसरी मुश्किल यह रही कि पिच पर सीधे अंतरराष्ट्रीय मैच करवा दिया गया। ‘भास्कर’ को मिली जानकारी के मुताबिक डीडीसीए ने इस पिच पर स्थानीय गेंदबाजों से गेंदबाजी भी करवाई थी। कोटला की पिच पर न तो अच्छी तरह से टॉप ड्रेसिंग हुई और न ही इस ‘बिखरी’ घास पर किसी का ध्यान गया।
2 comments:
आलेख विचारणीय . नववर्ष की हार्दिक अग्रिम शुभकामना .
ये कारण जमता नहीं है . खराब घास तो जल्दी समझ में आ जाती है . पिच क्यूरेटर क्या घास छील रहा था .... ये तो बच के निकलना जैसी बात है ?
आपका आलेख विचारणीय . नववर्ष की हार्दिक अग्रिम शुभकामना .
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