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राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रहे 65 वर्षीय सोरेन सुबह 10.30 बजे ऎतिहासिक मोराब़ाडी मैदान पर श्पथ लेंगे। राज्यपाल के. शंकरनारायणन के सोरेन को सरकार बनाने के न्यौते के बाद मोराब़ाडी मैदान पर शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां की जा रही हैं। राज्यपाल ने सोरेन को आठ जनवरी तक बहुमत
साबित करने को कहा है।
सोरेन ने अभी इस बारे में कुछ नहीं बताया है कि उनके साथ कौन-कौन शपथ लेगा। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार सोरेन एजेएसयू के सुदेश महतो व भाजपा के रघुवर दास के साथ शपथ लेंगे।
उधर विधानसभा चुनाव में श्री सोरेन की पार्टी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ही सबसे बड़ी (18) पार्टी बनकर उभरी हैं। राज्य में 81 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 41 विधायक मिलकर ही सरकार बना सकते हैं। इस तरह श्री सोरेन वहां के हीरो बन गये हैं। सत्ता के खेल में भाजपा भी फंस गयी और अब उसे श्री शिबू सोरेन में कोई बुराई नजर नहीं आ रही है। इससे भाजपा को झारखण्ड की सत्ता भले ही मिल जाए लेकिन श्री शिबू सोरेन के पाक-साफ साबित करने के लिए वह कौन से बहाने गढेग़ी यह गडकरी की बड़ी चिंता है।
हाल ही में गडकरी ने कहा था कि भाजपा में अब चाटुकारिता को कोई स्थान नहीं मिलेगा। नितिन गडकरी वास्तव मेंं प्रबन्धन के आदमी हैं। बचपन से ही यह काम वे कर रहे हैं। नागपुर में 27 मई 1997 को जन्में की गडकरी दादा साहेब धनवते विद्यालय में पड़े हैं। इसी विद्यालय में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डा. केशव राव बलिराम हेडगेवार भी पढे थे। बचपन से ही संघ परिवार से जुड़ गये। नीतिन के गुरु श्री काणे की मानें तो नितिन खो-खो टीम के खिलाड़ियों के कपड़े संभालते थे, खेलते नहीं थे। अब वे भाजपा के कपड़े संभाल रहे हैं तो उन पर कालिख नहीं लगनी चाहिए।
सोरेन की पत्नी, बेटा सभी चुनाव जीत गये हैं और सरकार में भी शामिल हो सकते हैं। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाया था और मधुकोड़ा तथा शिबू सोरेन पर खुलकर आरोप लगाये थे। शिबू सोरेन को समर्थन देने के मामले में भाजपा के बिहार कैडर के नेता और जद(यू) शुरू से विरोध कर रहे हैं।
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