अपराधियों का विधानसभा बना झारखंड.

मुख्यमंत्री समेत दर्जनों अनेकों काण्ड में आरोपी


झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व में झारखंड में बनने वाली गठबंधन सरकार में 31 ऐसे विधायक हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। झामुमो के 17 के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं तो नेशनल इलेक्शन वॉच (न्यू) ने विधायकों के शपथ-पत्रों के आधार पर यह बात कही है। बीजेपी, कांग्रेस, झामुमो और अन्य पार्टियों को मिलाकर कुल 54 अपराधिक छवि वाले विधायक चुनकर इस बार आए हैं।


न्यू की रिपोर्ट के अनुसार, शिबू सोरेन की पुत्र-वधु सीता सोरेन सरकार में शामिल झामुमो की अकेली विधायक हैं, जिनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। लेकिन अन्य पार्टियों पर नजर डाले तो यह हर दामन पर दाग लगा नजर आएगा। चाहे वह कांग्रेस हो या बीजेपी, इनमें से ज्यादातर विधायक ऐसे हैं जिनपर झारखंड के थानों में आपराधिक मामले दर्ज है। इनपर हत्या के प्रयास, जबरदस्ती पैसा उगाही, खतरनाक हथियार रखने आदि का मामला दर्ज है।


झारखंड़ विधानसभा में कुल 54 ऐसे विधायक हैं जिनपर किसी ना किसी रूप में ऐसे मामले दर्ज है जो उनकी छवि को दागदार करता है। बड़े-बड़े अपराध से संबंध रखने वाले विधायकों को झारखंड़ की जनता ने उनके आपराधिक छवि को नजरअंदाज करते हुए भारी बहुमत से विजयी बनाया। आइए डालते हैं किस पार्टी में कितने आपराधिक छवि वाले नेता हैं...



कांग्रेस सरकार भले ही साफ-सुथरे छवि वाले नेताओं का राग अलापती हो लेकिन झारखंड में उनकी सारी की सारी बातें सिर्फ और सिर्फ दिखावा साबित हो रही हैं। झारखंड में हुए चुनाव पर एक नजर डालें तो विधानसभा में ढेरों विधायक ऐसे हैं जिन पर किसी ना किसी मामले में मुकदमा चल रहा है। इस बार कांग्रेस ने 14 सीटों पर कब्जा जमाया लेकिन ये सभी सीटें आपराधिक छवी से भरपूर हैं। 14 में से 11 विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ किसी न किसी रूप में क्राइम का केस दर्ज है।



इसी तरह से झारखंड में भाजपा की छवि पर भी दाग लगने से नहीं बच पाई। बीजेपी ने कुल 18 सीटों पर जीत दर्ज की लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उप-मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे रघुवर दास के खिलाफ भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा विधायक सीपी सिंह के खिलाफ भी नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 18 विधायकों में से 8 विधायक ऐसे हैं जिन पर क्राइम का केस चल रहा है।


शिबू सोरेन ने तो भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं लेकिन उनकी टीम में अपराध से संबंध रखने वाले विधायकों की भरमार है। झामुमों के कुल 18 विधायक हैं जिनमें से 17 विधायक ऐसे हैं जो अपराध जगत से रिश्ता रखते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ सोरेन की पुत्र-वधू सीता सोरेन सरकार में शामिल झामुमो की अकेली विधायक हैं, जिनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।



झमुमो, भाजपा और कांग्रेस के अलावा आरजेडी और जेवीएम में भी अपराधियों को शामिल किया गया। आरजेडी के चार व जेवीएम (पी) के आठ विधायकों के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। जबकि आजसू के चार विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं।


अपराधिक छवि वाले विधायकों के अपराधों पर एक नजर डाला जाए तो यह पता चलता है कि इन पर सबसे ज्यादा हत्या के प्रयास, धमकाने, पैसा उगाही का मामला दर्ज है। झामुमो के विधायक जगन्नाथ महतो पर मौजूदा समय में कुल 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से आईपीसी 307 (attempt to murder) और धारा 324 के तहत जानबूझकर खतरनाक हथियार रखने का मामला दर्ज है जबकि हेमंत सोरेन के खिलाफ 6 आपराधिक मामले दर्ज है। इनमें से आईपीसी की धारा 307 के तहत मामले दर्ज है।


बीजेपी के विधायक पी.सी. सिंह भी आपराधिक मामलों में पीछे नहीं हैं, उनपर कुल 9 केस अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज हैं। इन पर आईपीसी की धारा 84 धारा 186 (सार्वजनिक कार्यों और सरकारी कर्मचारियों को परेशान करना), धारा 188 के तहत मामले दर्ज हैं।



1 comment:

पी.सी.गोदियाल said...

आप ये कह रही है की अभी साफ़ छवि वाले नेता भी है झारखंड या इस देश में ???बहुत खूब, लाजबाब ! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !

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