अभी दो दिन पहले की बात है कि भाई राममिलन जी का फोन आता है ये बताने के लिये कि उनके कार्यालय में संपादक जी को किसी ने मुंबई से फोन करा था कि डा.रूपेश श्रीवास्तव और मुनव्वर सुल्ताना के संबंध आतंकवादियों से हैं। भाई राममिलन ने ये सब बताया और कहा कि वो शख्स बता रहा था कि जनवरी में आप लोगों पर मुकदमा चलने वाला है। राममिलन और संपादक अग्रवाल जी शुभचिंतक होने के नाते परेशान होना सहज स्वाभाविक है। अग्रवाल जी तो डा.रूपेश श्रीवास्तव को निजी तौर पर जानते नहीं है तो मैं अपने कोश से इनके कुछ फोटोग्राफ़्स आप लोगों के सामने ला रही हूं जिनसे सिद्ध हो जाएगा कि ये इंसान आज के दौर का कितना बड़ा आतंकवादी है
भाई हरभूषण सिंह अंधेरी(मुंबई का एक उपनगर) में अपने घर में अकेले बुखार से तप रहे थे तो ये हज़रत जाकर उन्हें अपने घर उठा लाते हैं और एक सप्ताह उनकी सेवा करते हैं, ये आतंकवाद नहीं तो क्या है?
पूर्व जीवन में अपराधी रहे "एक्स मैन" के नाम से जाने वाले सज्जन जब गम्भीर जख्मी हुए तो जनाब जुट गये खिदमत में और टूटी पसलियों से लेकर घुटने तक को मात्र ढाई माह में सही कर दिया। ये है आतंकवाद।
घुटनों से लेकर पैर के पंजे तक का परीक्षण करते हुए डा.रूपेश श्रीवास्तव
पसलियों के दर्द और कंधे के डिसलोकेशन को समझते एहसास करते हुए डा.रूपेश श्रीवास्तव
दूसरे के दर्द को अपना मान लेना तो बस ये ही कर सकते हैं आतंकवादी डा.रूपेश श्रीवास्तव
जल्द ही पट्टी और प्लास्टर हटा दूंगा ये आश्वासन देते हमारे आतंकवादी गुरू डा.रूपेश श्रीवास्तव
ये रही इंसान की बात..... अब देखिये इस आतंकवादी का पशु-पक्षियो के प्रति प्रेम का नमूना। चित्र में डा.रूपेश श्रीवास्तव एक जख्मी उल्लू के बच्चे को ड्रापर से लिक्विड फूड दे रहे हैं
बासित मेरा छोटा भाई और मेरी माताजी मुनव्वर आपा के नाम से प्रसिद्ध इस चित्र में आपको दिख रहे हैं। बादशाह बासित डर रहे थे उस पक्षी को छूने में तो डा.रूपेश श्रीवास्तव ने उस डर को दूर कराअब हमारा "व्हिसिल" नाम का प्यारा उल्लू का बच्चा बादशाह बासित के हाथ में है जो कि उसके उपचार में डा.रूपेश श्रीवास्तव की सहायता कर रहे हैं।
डा.रूपेश श्रीवास्तव के प्रेम और बादशाह बासित के मदद करने के जज़्बे को आप सब इस चित्र में देख सकते हैं
इस पूरे काम में पूर्ण मनोयोग से जुटे डा.रूपेश श्रीवास्तव और बादशाह बासित के साथ में हैं मुनव्वर आपा (मेरी माताजी)जो कि इस आतंकवादी की अजीब शख्सियत को प्रशंसा भरी निगाहों से निहार रही हैं।
लीजिये टूटे हुए डैने और पैर पर पट्टी-प्लास्टर हो गया।
आप देख रहे हैं चित्रों की जुबानी मैंने इस व्यक्ति के बारे में आपको जो बताना चाहा। बारिश में नाले में गिरे कुत्ते के बच्चे से लेकर कौव्वे द्वारा जख्मी करे कछुए के बच्चे को जो आदमी घर ले आता है उसके बारे में शब्दों में कैसे लिखा जाए।
ये शख्स आतंकवादी है और इसका आतंक है उन लोगों में जो मजलूमों को सताते हैं, जो गलत धंधे करते हैं उनके लिये ये शख्स आतंक है। इसकी सच्चाई और ईमानदारी का आतंक है आसपास के बुरे लोगों में। कई बार मैंने खुद देखा है कि किसी बेगाने के हक़ की लड़ाई में जिस कदर ये इन्वाल्व हो जाते हैं वह तो एक "आतंकवादी" और एक्स्ट्रीमिस्ट ही कर सकता है। हिंदी ब्लाग जगत के लोग भी अब कुछ कुछ इनके स्वभाव से परिचित हो चले हैं।
सचमुच आज की दुनिया में ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है। इन पर बिना कोई मुकदमा चलाए सरेआम फांसी दे देनी चाहिये क्योंकि ये तो अजमल कसाब से भी ज्यादा खतरनाक हैं।
जय जय भड़ास
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