नव वर्ष की प्रथम भोर
करती है अंतरमन विभोर
हो जीवन में उत्कर्ष
स्वागत है नव वर्ष धरा पर
स्वागत है नव वर्ष।
प्रथम रश्मियाँ अपने संग
लाएँ आशा और उमंग
भरें जीवन में हर हर्ष
स्वागत है नव वर्ष धरा पर
स्वागत है नव वर्ष।
फैले मानवता का धर्म
शिखर छू लें सब सत्कर्म
यही हो जीवन का निष्कर्ष
स्वागत है नव वर्ष धरा पर
स्वागत है नव वर्ष.
करती है अंतरमन विभोर
हो जीवन में उत्कर्ष
स्वागत है नव वर्ष धरा पर
स्वागत है नव वर्ष।
प्रथम रश्मियाँ अपने संग
लाएँ आशा और उमंग
भरें जीवन में हर हर्ष
स्वागत है नव वर्ष धरा पर
स्वागत है नव वर्ष।
फैले मानवता का धर्म
शिखर छू लें सब सत्कर्म
यही हो जीवन का निष्कर्ष
स्वागत है नव वर्ष धरा पर
स्वागत है नव वर्ष.
1 comment:
सुन्दर कविता,
भावों कि बेहतरीन प्रस्तुति.
आपको बधाई.
जय जय भड़ास
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