रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रमुख मुकेश अंबानी को एक बार फिर देश के सबसे धनी व्यक्ति का खिताब मिला है। उनकी कमाई पिछले वर्ष की 21 अरब डालर की तुलना में 54 प्रतिशत बढकर 32 अरब डालर हो गयी है।
फोब्र्स एशिया पत्निका के हालिया अंक में बताया गया है कि भारत में अरबपतियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना बढ़कर 54 हो गयी है जिसमें श्री अंबानी का नाम शीर्ष पर है। पिछले वर्ष सबसे धनी भारतीयों की सूची में सिर्फ 27 अरबपतियों का नाम था जबकि इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 54 हो गयी है। देश के 100 सबसे धनी लोगों की कुल कमाई करीब 276 अरब डालर हो गयी है जो सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत है।
इस्पात क्षेत्न की जानी मानी कंपनी आर्सेलर मित्तल के प्रमुख लक्ष्मी निवास मित्तल इस सूची में दूसरे स्थान पर रहे। उनकी कमाई पिछले वर्ष की 20.50 अरब डालर की तुलना में 46 प्रतिशत बढकर30 अरब डालर हो गयी है। मुकेश अंबानी के छोटे भाई और अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के प्रमुख अनिल अंबानी ने 17.50 अरब डालर की कमाई के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है।
पत्निका के इंडिया एडिटर और मुंबई ब्यूरो के प्रबंधक नाजनीन करमाली ने बताया कि भारतीय धनकुबेरों के बेहतर दिन वापस आ गये हैं। इस वर्ष की सूची ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर वित्तीय बाजारों और अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक रहे तो भारत में अन्य देशों की तुलना में तेज गति से अरबपति पैदा करने के लिये पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं।
हालांकि इस सूची के शीर्ष १क् नामों में ज्यादा फे र बदल नहीं हुआ है लेकिन भारती समूह के सुनील मित्तल पिछले वर्ष के चौथे स्थान से फिसलकर आठवें स्थान पर रह गये हैं. उनकी जगह विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने ली है और वह चौथे स्थान पर पहुंच गये हैं। ओ. पी. जिंदल समूह की गैर कार्यकारी अध्यक्ष सावित्नी जिंदल 12 अरब डालर की आमदनी के साथ सूची में सातवें स्थान पर हैं। उल्लेखनीय है कि सूची में सुश्री जिंदल समेत मात्न छह महिलाओं के नाम हैं।
भारतीय धनकुबेरों की सूची में दो नये चेहरों टारेंट पावर के सुधीर और समीर मेहता ने अपना नाम दर्ज कराया है। ये 2.02 अरब डालर की कमाई के साथ 23वें स्थान पर हैं। इसके अलावा इंफोसिस के निदेशक मंडल की सदस्यता छोडकर केंद्र सरकार का हिस्सा बने नंदन नीलकेणी ने भी इस सूची में पहली बार जगह बनायी है। वह 1.25 अरब डालर की कमाई के साथ 43वें स्थान पर हैं।
दक्षिण भारतीय टेलीविजन के बादशाह कलानिधि मारन ने 200 स्थान हासिल किया है। उनकी कमाई में पिछले वर्ष के 1.2 अरब डालर की तुलना में दोगनी बढ़ोतरी हुयी है और इस वर्ष यह 2.30 अरब डालर तक पहुंच गयी है। पत्निका ने श्री मारन से संबंधित आवरण कथा भी प्रकाशित की है।
पत्निका ने बताया है कि भारतीय धनकुबेर चीन के अमीरों की तुलना में अधिक बेहतर स्थिति में हैं। भारत के 100 धनकुबेरों की कुल आमदनी जहां 276 अरब डालर है, वहीं चीन के सबसे धनी १क्क् लोगों की कुल आमदनी मात्न 170 अरब डालर है। भारत में तीन सबसे धनी लोगों की कुल कमाई 79.5 अरब डालर है जबकि 80 अरब डालर की राशि को हासिल करने में चीन के शीर्ष २४ धनकुबेरों की कुल कमाई लग जाती है।
फोब्र्स एशिया पत्निका के हालिया अंक में बताया गया है कि भारत में अरबपतियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना बढ़कर 54 हो गयी है जिसमें श्री अंबानी का नाम शीर्ष पर है। पिछले वर्ष सबसे धनी भारतीयों की सूची में सिर्फ 27 अरबपतियों का नाम था जबकि इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 54 हो गयी है। देश के 100 सबसे धनी लोगों की कुल कमाई करीब 276 अरब डालर हो गयी है जो सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत है।
इस्पात क्षेत्न की जानी मानी कंपनी आर्सेलर मित्तल के प्रमुख लक्ष्मी निवास मित्तल इस सूची में दूसरे स्थान पर रहे। उनकी कमाई पिछले वर्ष की 20.50 अरब डालर की तुलना में 46 प्रतिशत बढकर30 अरब डालर हो गयी है। मुकेश अंबानी के छोटे भाई और अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के प्रमुख अनिल अंबानी ने 17.50 अरब डालर की कमाई के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है।
पत्निका के इंडिया एडिटर और मुंबई ब्यूरो के प्रबंधक नाजनीन करमाली ने बताया कि भारतीय धनकुबेरों के बेहतर दिन वापस आ गये हैं। इस वर्ष की सूची ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर वित्तीय बाजारों और अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक रहे तो भारत में अन्य देशों की तुलना में तेज गति से अरबपति पैदा करने के लिये पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं।
हालांकि इस सूची के शीर्ष १क् नामों में ज्यादा फे र बदल नहीं हुआ है लेकिन भारती समूह के सुनील मित्तल पिछले वर्ष के चौथे स्थान से फिसलकर आठवें स्थान पर रह गये हैं. उनकी जगह विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने ली है और वह चौथे स्थान पर पहुंच गये हैं। ओ. पी. जिंदल समूह की गैर कार्यकारी अध्यक्ष सावित्नी जिंदल 12 अरब डालर की आमदनी के साथ सूची में सातवें स्थान पर हैं। उल्लेखनीय है कि सूची में सुश्री जिंदल समेत मात्न छह महिलाओं के नाम हैं।
भारतीय धनकुबेरों की सूची में दो नये चेहरों टारेंट पावर के सुधीर और समीर मेहता ने अपना नाम दर्ज कराया है। ये 2.02 अरब डालर की कमाई के साथ 23वें स्थान पर हैं। इसके अलावा इंफोसिस के निदेशक मंडल की सदस्यता छोडकर केंद्र सरकार का हिस्सा बने नंदन नीलकेणी ने भी इस सूची में पहली बार जगह बनायी है। वह 1.25 अरब डालर की कमाई के साथ 43वें स्थान पर हैं।
दक्षिण भारतीय टेलीविजन के बादशाह कलानिधि मारन ने 200 स्थान हासिल किया है। उनकी कमाई में पिछले वर्ष के 1.2 अरब डालर की तुलना में दोगनी बढ़ोतरी हुयी है और इस वर्ष यह 2.30 अरब डालर तक पहुंच गयी है। पत्निका ने श्री मारन से संबंधित आवरण कथा भी प्रकाशित की है।
पत्निका ने बताया है कि भारतीय धनकुबेर चीन के अमीरों की तुलना में अधिक बेहतर स्थिति में हैं। भारत के 100 धनकुबेरों की कुल आमदनी जहां 276 अरब डालर है, वहीं चीन के सबसे धनी १क्क् लोगों की कुल आमदनी मात्न 170 अरब डालर है। भारत में तीन सबसे धनी लोगों की कुल कमाई 79.5 अरब डालर है जबकि 80 अरब डालर की राशि को हासिल करने में चीन के शीर्ष २४ धनकुबेरों की कुल कमाई लग जाती है।
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