आज़ादी बचाओ आंदोलन हुआ भ्रष्ट बन गया भारत स्वाभिमान ट्रस्ट - ३

फलाहार और दुग्धाहार पर रहने वाले रामदेव क्यों न टनाटन दिखेंगे। यदि जिस नियम और श्रद्धा से लोग प्राणायाम तथा अन्य यौगिक क्रियाएं कर रहे होते हैं वे यदि बिना रामदेव के भी करते तो उतनी ही लाभप्रद होतीं लेकिन रामदेव कैम्प के पीछे जुडे मैनेजमेंट के गुरुघंटालों ने रामदेव को टीवी पर अवतरित करके बाजारवाद में योग के टके कराए हैं उतना सफ़लता पूर्वक कोई न कर पाया। एक बात और कि जब रोगों का उपचार प्राणायाम के द्वारा हो जाता है तो फिर दवाओं की कंपनी डालने की क्या जरूरत है ये सवाल कोई नहीं करता। अब तक रामदेव भी अभ्यास करते-करते कुशल वक्ता बन चुके थे। साधारण भारतीय व्यक्ति ही क्या दुनिया में बाजारवाद हर जगह अपने पंजे फैलाए है तो इसी के प्रभाव में योग बन गया एक प्रोडक्ट और रामदेव को बना लिया गया उसका ब्रांड एम्बेसडर। राजीव दीक्षित जैसे लोग पीछे खड़े रह कर अपने जाल बुनते रहे और धीरे से "आजादी बचाओ आंदोलन" को अधर में छोड़ कर "भारत स्वाभिमान ट्रस्ट" को रामदेव के साथ मिल कर बना डाला। ऐसे में आजादी बचाओ आंदोलन के जो कार्यकर्ता राजीव दीक्षित से काफ़ी उम्मीदें रखे थे दुःख और क्षोभ से भर गये। राजीव दीक्षित ने आजादी बचाओ आंदोलन के नाम पर जो भी दोहन करा था वह निकल कर सामने आने लगा। इलाहाबाद से लेकर वर्धा तक के कार्यकर्ता राजीव दीक्षित की कारगुजारियों को सामने लाने के लिए सीना तान कर आगे आ गये। इस प्रयास मे उनकी शैली वही रही जो कि सदा से रही है। पत्रलेखन और धरना-मोरचा आदि करके लोगों को बताना चाहा कि जिसे हम नेता समझते थे वह तो एक भ्रष्ट और दुष्ट किस्म का अभिनेता निकला जिसका उद्देश्य मात्र धन और ताकत कमाना था। इन लोगो ने इस मुहिम में रामदेव को भी एक पत्र लिखा कि उन्होंने राजीव दीक्षित जैसे महाधूर्त को अपने पास क्यों जगह दे रखी है। इस पत्र की प्रति इन कार्यकर्ताओं ने भड़ास के संचालकों को भी भेजी। ये बेचारे अब तक सोचते हैं कि रामदेव एक सीधा सरल सज्जन आदमी है।
जय जय भड़ास

3 comments:

Suman said...

nice

mukesh said...

Ji aap baba ramdev ya rajiv dixit ke mukable keval 1% kuchh bhi achcha karke dikhaliye. Ham aap ki baat maan lenge.

Anonymous said...

kya aajadi bachao andolan ka bharat swabhiman banane se bhrast ho jata hai kya...
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rajivji sab satya kahate hain is liye to ache lagte hain lkin kuch angrezon ke gulaamon ko we acche nahin lagte hai..

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