परमाणु अप्रसार पर एक अमेरिकी आयोग ने कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध छिड़ने अथवा तनाव बढ़ने की स्थिति में अपने परमाणु हथियार भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए भाड़े के तालिबान के हाथों में दे सकता है।
जनसंहार के हथियारों के प्रसार पर रोक और आतंकवाद संबंधी एक अमेरिकी आयोग के प्रमुख बॉब ग्राहम ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि कश्मीर में अगर कुछ ऐसा हुआ जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा तो वह ऐसी घटना की शक्ल अख्तियार कर सकता है जिसकी वजह से कोई यह निर्णय भी ले सकता है।
ग्राहम पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर आशंकित सांसदों के सवालों का जबाव दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसी कोई नौबत आने की स्थिति में हमारा एक सुझाव यह होगा कि भारत और पकिस्तान के साथ मिलकर कोई सुरक्षा प्रक्रिया बनाई जाए। स्थिति अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हुए शीत युद्ध जैसी नहीं होनी चाहिए जहां हमारी कट्टर दुश्मनी थी और हमारे पास एक दूसरे को नष्ट करने की पर्याप्त क्षमता थी।
इस वर्ष की शुऊआत में जारी आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ग्राहम ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि एक गलत कदम से ऐसी कोई जंग छिड़ जाए। इसलिए हमने अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय ओवल ऑफिस में एक हॉट लाइन और बाकायदा प्रोटोकाल स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसा कुछ नहीं है। मेरा मानना है कि एक वह क्षेत्र हो सकता है जिसमें अमेरिका और रूस साथ-साथ हो सकते हैं। हमने ये प्रोटोकाल अपने और दुनिया के हित में विकसित किया था, लेकिन यह भारत और पाकिस्तान के लिए भी कारगर हो सकता है।
ग्राहम ने कहा कि बीते माह मैं इस बात से उत्साहित था कि भारत और चीन ने ऐसी नौबत आने की स्थिति में कुछ प्रक्रिया विकसित करना शुरू किया था, लेकिन भारत और पाकिस्तान जैसे वास्तविक विरोधियों के बीच ऐसा कुछ नहीं किया गया।
जनसंहार के हथियारों के प्रसार पर रोक और आतंकवाद संबंधी एक अमेरिकी आयोग के प्रमुख बॉब ग्राहम ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि कश्मीर में अगर कुछ ऐसा हुआ जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा तो वह ऐसी घटना की शक्ल अख्तियार कर सकता है जिसकी वजह से कोई यह निर्णय भी ले सकता है।
ग्राहम पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर आशंकित सांसदों के सवालों का जबाव दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसी कोई नौबत आने की स्थिति में हमारा एक सुझाव यह होगा कि भारत और पकिस्तान के साथ मिलकर कोई सुरक्षा प्रक्रिया बनाई जाए। स्थिति अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हुए शीत युद्ध जैसी नहीं होनी चाहिए जहां हमारी कट्टर दुश्मनी थी और हमारे पास एक दूसरे को नष्ट करने की पर्याप्त क्षमता थी।
इस वर्ष की शुऊआत में जारी आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ग्राहम ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि एक गलत कदम से ऐसी कोई जंग छिड़ जाए। इसलिए हमने अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय ओवल ऑफिस में एक हॉट लाइन और बाकायदा प्रोटोकाल स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसा कुछ नहीं है। मेरा मानना है कि एक वह क्षेत्र हो सकता है जिसमें अमेरिका और रूस साथ-साथ हो सकते हैं। हमने ये प्रोटोकाल अपने और दुनिया के हित में विकसित किया था, लेकिन यह भारत और पाकिस्तान के लिए भी कारगर हो सकता है।
ग्राहम ने कहा कि बीते माह मैं इस बात से उत्साहित था कि भारत और चीन ने ऐसी नौबत आने की स्थिति में कुछ प्रक्रिया विकसित करना शुरू किया था, लेकिन भारत और पाकिस्तान जैसे वास्तविक विरोधियों के बीच ऐसा कुछ नहीं किया गया।
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