इस शोध का नाम ‘कॉसमॉस’ रखा गया है यह पहले के शोध से अलग होगा । अबतक शोध के दौरान लोगों से जो आंकडे इकट्ठे किये जाते थे वे पर्याप्त नहीं मिल पाते थे । इस शोध में जिनलोगों को शामिल किया जायेगा उनसे मोबाइल के उपयोग के समय की जानकारी ली जाएगी , न कि कितने कॉल कर रहे हैं उसकी ।
मस्तिष्क का कैंसर, स्ट्रोक, हृदय रोग अल्ज़ाइमर्स और पार्किंसन्स जैसी कई बीमारियों को ध्यान में रखकर वैज्ञानिक काम करेंगे ।
इस शोध में इंग्लैण्ड के अलावा पाँच यूरोपीय देश के करीब ढाई लाख उपभोक्ताओं कि मदद ली जाएगी . लगातार मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी को देखते हुए यह एक अच्छी पहल है ।
2 comments:
sabko pata hai
fir ye band hona namunkin hai
अच्छी जानकारी आधारित विवेचनात्मक प्रस्तुती के लिए धन्यवाद /हर अच्छी या बुडी उद्देश्य के शुरुआत में दिक्कते तो आती हैं / लेकिन एकजुटता में संतुलन ईमानदारी से बैठाकर अगर निडरता से आगे बढ़ने की चाह हो तो, सफलता जरूर मिलती है / जरा सोचिये जब अंग्रेज भारत आये होंगे तो सोचा होगा की ,वे अपनी तिकरम से भारत को लूट लेंगे ,ठीक उसी तरह भारत का स्वतंत्रता संग्राम के शुरू में किसी ने नहीं सोचा होगा की, उनको सच्चाई और बलिदान के बदले आजादी मिलेगी / उसी तरह आज ब्लोगिंग के जरिये देश और समाज को बदलने की धारणा कल्पना की उरान की तरह लग रहा है ,लेकिन हम और आप अगर सच्चे मन से बदलाव लाने का मन बना लें ,तो इन भ्रष्टाचारियों और लुटेरों से देश को बचाने में,ब्लॉग और ब्लोगर एक ब्रह्मास्त्र का काम कर सकता है / ऐसा सोचने वाले ब्लोगर एक दुसरे ब्लोगर से हफ्ते में इस विषय पर कम से कम एक पोस्ट अपने ब्लॉग पर और फोन पर भी विचारों का आदान प्रदान जरूर करें हफ्ते में एक बार / ऐसा करने से ही इस विचार को आगे बढाया जा सकता है और रास्ट्रीय स्तर पर एक ब्लोगर फोरम बनाया जा सकता है / मुझसे बात या विचार करने के लिए अभी फोन करें-09810752301
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