हेमंत उप मुख्यमंत्री के दावेदार !!
भाजपा झारखंड की नई सरकार की बागडोर अपनी पार्टी के उम्मीदवार को थमाने पर विचार कर रही है, मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन जुटाने की जद्दोजहद भी शुरू हो चुकी है। भाजपा के अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अर्जुन मुंडा तथा उप मुख्यमंत्री रघुवर दास ने समर्थन जुटाने की कवायद तेज कर दी है।
भाजपा की संसदीय बोर्ड ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन का एक पत्र पाने के बाद शिबू सोरेन सरकार से समर्थन वापसी के अपने फैसले को रोक कर रखने का फैसला किया है। यह फैसला शुक्रवार सुबह किया गया। हेमंत सोरेन ने इस पत्र के जरिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने की इच्छा जाहिर की है। झारखंड में दो बार मुख्यमंत्री रह चुके मुंडा की दास की तुलना में कुछ अधिक संभावना है क्योंकि हेमंत ने बीती रात यह स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी किसी आदिवासी को मुख्यमंत्री के पद पर वरीयता देगी।
झारखंड को अपने नौ साल के सफर में अपनी आठवीं सरकार को देखना है, लेकिन अभी तक कोई भी गैर आदिवासी नेता यहां का मुख्यमंत्री नहीं बन सका है। झारखंड की राजनीति में यह देखा गया है कि बड़ी पार्टी मुख्यमंत्री चुनती है जबकि, समर्थन देने वाली पार्टियों को उप मुख्यमंत्री चुनने का विकल्प दिया जाता है। निर्दलीय विधायक स्टीफन मरांडी और झामुमो के सुधीर महतो पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के कार्यकाल में उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि रघुवर दास और आजसू के सुदेश महतो झामुमो अध्यक्ष और मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के उप मुख्यमंत्री हैं। इस परंपरा के मुताबिक झामुमो के विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन का उप मुख्यमंत्री के पद पर दावा होगा।
हेमंत ने गुरुवार को भाजपा नेतृत्व को एक ताजा पत्र भेजकर मुख्यमंत्री पद की पेशकश की थी। झामुमो के एक नेता और हेमंत के एक करीबी ने यह पूछे जाने पर कि क्या हेमंत उप मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार हैं, इसपर उन्होंने न तो इस बात से इनकार किया और न ही इस बात की पुष्टि की। झामुमो के इस नेता ने बताया कि झारखंड में आप कभी नहीं जानते कि अगले पल क्या होगा। हमें इन बातों को अपने अनुसार होने देना चाहिए। इस बीच, बीती रात संवाददाता सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री और आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो ने भाजपा झामुमो से अपनी समस्याओं का हल करने और राज्य के हित में इस गठबंधन को जारी रखने का आग्रह किया।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य और झारखंड इकाई सचिव जेएस मजूमदार ने यह अंदेशा जताया है कि यदि राज्य की आठवीं सरकार का गठन भाजपा के नेतृत्व में गठित होता है, तो जल्द ही नौवीं सरकार भी देखने को मिल जाएगी।
मजूमदार ने कहा कि हम यह कह रहे हैं कि भाजपा-झामुमो गठबंधन अप्राकृतिक है और यह उस वक्त सही साबित हो गया, जब भाजपा ने अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की। लेकिन फिर से यह दोनों पार्टियां अपने गठबंधन में आए दरार को भरने की कोशिश कर रही है, जो अधिक सफर तय नहीं कर सकता और राज्य को आठवीं सरकार के गठन के बाद नौवीं सरकार के गठन के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
भाजपा का एक धड़ा सरकार गठन की प्रक्रिया में आगे रहने को अनिच्छुक है और वह शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री के पद पर कायम रहने देना चाहता है। इस वक्त नेतृत्व परिवर्तन का समर्थन नहीं करने वाले भाजपा के एक नेता ने कहा, हमें शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री के पद कायम रहने देना चाहिए और इस संकट को खत्म कर देना चाहिए
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