फेसबुक कहता है हमें अपनों ने लूटा ! आप खुश तो बहुत हो रहे होंगे.....

हमारे फेसबुक का अकाउंट बंद हो गया, फेसबुक ने बंद करा, जब हमने पूछा कि भइये हिन्दी की श्रेणी में नेटवर्क ब्लॉग में शीर्ष स्थान रखता हूँ और तीन हजार से अधिक मित्रों के साथ फेसबुक पर कदम ताल करता हूँ आप मेरा अकाउंट कैसे डिलीट कर सकते हैं, कृपया कर इसे खोलें तो मान्यवर फेसबुक का जवाब मिला वो एकदम से चोंका गया कि क्या वाकई में ये कारण है या हो सकता है.

फेसबुक का मेल आपके सामने है जो मुझे भेजा गया।

Hi Rajneesh,

One of Facebook's main priorities is the comfort and safety of our users.
Your account was disabled because you engaged in behavior other users reported as harassing in nature. It is a violation of Facebook's Statement of Rights and Responsibilities to harass users on the site, whether through unsolicited messages or other features. We will not be able to reactivate your account for any reason. This decision is final.

Thanks
for your understanding,

Jada
User Operations
Facebook


हिन्दी के लिए फेसबुक पर उपस्थिति, ब्लॉग कि लोकप्रियता और शीर्ष स्थान के साथ सर्वाधिक फोलोअर होने के बाद भी अकाउंट का बंद होना अब कुछ कुछ समझ में आने लगा, " मुझे तो अपनों ने लूटा गैरों में कहाँ दम था" नि:संदेह हिन्दी का शीर्ष स्थान और फेसबुक पर दमदार उपस्थिति जो कई लोगों को खलती थी और कई लोगों ने कहा भी था अन्तोगत्वा अपने कार्य को अंजाम दे गया।



मगर
अनकही चीखें फेसबुक, और अपने सभी अंजामी मित्रों के इन हड्कतों के बावजूद अपनी उपस्थिति दर्ज करता और करवाता रहेगा। अगर हिन्दी के मठाधीशों की बात ना करें तो इंडी ब्लोगर की वरीयता भी फेसबुक की उपस्थिति के साथ दर्जे को सही साबित करती है।

चलिए अनकही अपने अगले मंजिल की और रवाना होता है, तब तक के लिए विदा

6 comments:

Anonymous said...

Yeh batao ki aapne kya likha tha kisi k liye.....?????
Face book ki galti bata rahey ho apne bhi to batao.....

अविनाश वाचस्पति said...

फेसबुक का असली सूरत ?

कुलवंत हैप्पी said...

facebook ke liye ka Rona Janab.. dil ke rishte banao...

फेसबुक पर घर बनाने वाले कब घर आते हैं।

वन्दना said...

ye raaste hain facebook ke chalna sambhal sanbhal ke.

पश्यंती शुक्ला. said...

मै अक्सर लेखन से ज्यादा विषय की तारीफ करती हूं......आज फिर वही करुंगी.

अंकित माथुर said...

Rajneesh this is predominantly when people who are following a particular networked blog would report it as offensive in nature. And Facebook would disable your account, if there are some of the reported content is truly found to be offensive in nature.

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