प्रेम नाम है विश्वास का, भरोसा और आस्था के साथ कदम से कदम मिला कर चलने का, जिसमे साथी के शारीरिक सुन्दरता या गैर सुन्दरता, सम्पूर्णता या विकलांगता कोई मायने नही रखता। साथ चलने और कंधे से कंधा मिला कर जीवन को संग बिताने के साथ एक दुसरे को ना कम ना ज्यादा बस प्रेम, शायद ये ही प्यार है।
मैं प्यार को विस्तृत नही कर सकता, इतनी अकाल नही है मेरी मगर इन तस्वीरों से अविभूत हुए बिना नही रह सका सो बस आपके सामने प्रेम के विभिन्न रूपों में से एक रूप ये भी.....
एक परिवार प्यार से मालामाल, मुस्कुराते चेहरे से कमी का कोई आभास नही।
साथी हाथ बढ़ाना, जिन्दगी के हर राह पे हम साथ होंगे सनम।
शरीर से अपूर्णता, मातृत्व से मालामाल। गवाह मुस्कुराता चेहरा।
सम्पूर्ण परिवार, क्या किसी को कोई शिकायत ?शारीरक विकलांगता मातृत्व में बाधक नही, जिम्मेदारी सहयोग साथ साथ।
क्या ऐसा मातृत्व देखा कहीं ?
विकलांगता ना ही अभिशाप, ना ही इसका कोई गम जब हो मातृत्व का अहसास। ना को आधा ना कोई पूरा, प्यार से बढ़ कर ना कोई दूजा। क्या इस मातृत्व में आपको कोई कमी दिखती है ? एक अविराम यात्रा जिसमे सभी बराबर के साथी, प्यार का अनूठा संगम।
शायद तस्वीर ने मुझे सोचने को मजबूर किया, मैं इस परिवार को सहानुभूति नही दे रहा बल्कि लोगों को कहने की कोशिश कि प्यार साथ हो तो कुछ भी कम नही लगता, इसे ही तो प्रेम की अविरल धरा कहते हैं।
17 comments:
सहानुभूति की नहीं इन पर गर्व किया जाना चाहिये। मर्मस्पर्शी........ सही कहा प्यार में अद्भुत ताकत है। खासतौर पर जिन्दगी को देखने और जीने के अन्दाज में भी। इन्हें देख कर तो दिलोजान से सलाम करने का दिल करता है।
वाह सच्चा प्यार तो यही है। अति सुन्दर चित्र। हर चित्र ने प्रेम को नवीन परिभाषा दी है। बधाई स्वीकारें।
waah..
aapne to man mastishk jhankrut kar diye..
achcha lekhan ...
रजनीश जी
अदभुत....मर्मस्पर्शी...सही ही कहा है..." A picture speaks a thousand words".
ये तस्वीरें प्रेम के कितने ही रूप किनती सहजता से झलका रहे हैं! काश हम साधारण इंसान भी इसी सहजता से प्रेम के संदेश को अपने जीवन में उतार सकें तो हमारी जिन्दगी भी कितनी रूहानी बन जाये.
हम शुक्रगुजार हैं आपके जो हमे जीवन के इन नाजुक और खूबसूरत अहसासों से रु बरु करवाया.
the best...
rj
har tasveer prem ka jeeta jagta udaharan hai........prem ki parakashtha hai............niswarth prem isi ko kahte hain shayad.........jahan sirf prem aur vishwaas hai aur kucch nhi.........aur kisi cheese ki shayad unhein jaroorat bhi nhi...........yeh hai alokik prem.rooh ka rooh se prem jise zindagi bhar insaan khojta phirta hai magar har kisi ko nhi milta.
dil jhakjhor kar rakh diya aapke chitron ne.
Pyaar ka anutha namuna.....
वंदना गुप्ता के ब्लाग में आपकी चर्चा को देखकर मै यहां तक आयी......बहुत ही सुदर पिक्चर दिखाए आपने.....प्यार बाहयाडंबर नहीं होता.....बिल्कुल अंदर की चीज है यह !!!!!
बहुत सुन्दर लिखा है।
हिन्दी साहित्य .....प्रयोग की दृष्टि से
आज इस ओर आना हुआ तो प्रेम के निराले रूप को देखने का मौका मिला..प्रेम ही सत्य है इस बात से कोई इंकार नही कर सकता.. इस परिवार में प्रेम ही प्रेम दिखाई दे रहा है..
Amazed to see such a true love ... maine bhi yeh pics dekhe hain, aur mere paas bhi pics hai lekin aapne jo vyakhya ki hai prem aur matrava ki woh dil ko choo gayi hai .......
प्रेम परिवार और परिवार का साथ न कि सहानुभूति
वाह
धन्यवाद रजनीश जी
प्रेम के इस रूप का दर्शन करने के लिए आपको धन्यवाद.
मन को झकझोर गया.
adhbhut hai bhaayi ye prem.........!!aur aage kuchh nahin likh saktaa.....!!
Deeply impressed me
& shocked me to Re-Think about my love with my partner !!!
Really great love !!!!!!!
Dharmbir
Daily Abhi Abhi, Rohtak
pyar kiya nahi jata ho jata hai
prem aur vishwaas dikha raha hai es pariwar main.
Gurdayal Singh
Dainik Bhaskar,Hisar
प्रेम के वास्तविक रूप को देख कर नतमस्तक.
सलाम करता है इस परिवार को.
is muhabbat per mera sir sazda karta hai..apko jitni badhyi du kam hai...so nice
Post a Comment