दुकान छोड़ कर मक्कार बनिया लड़ने आया हमसे...

कितना मजा आ रहा है ये देख कर कि मक्कार बनिया अपनी फिसलती हुई धोती सम्हालता हुआ लड़ने को आगे आ रहा है लेकिन ये भूल जाता है कि इससे बच्चों की स्कूल की फीस, दारू का खर्च, राशन का खर्च नहीं निकलेगा। कितनी बार समझाया है कि तुम सिर्फ़ उस काम पर ध्यान दो जिससे दाल रोटी चलती है इस पूरे प्रकरण को एक सबक की तरह से लेने की बजाए गलतियों पर गलतियां दोहराए चले जा रहे हो। चलो लड़ाई लड़ाई खेलते हैं अच्छा मनोरंजन होगा समय भी व्यतीत हो जाया करेगा क्योंकि मुझे तो कोई काम है नहीं। तुम्हें मेरे अलावा भी किसी ने समझाया कि अपनी तरक्की और गुणवत्ता पर ध्यान दो लेकिन तुम सुधरते ही नहीं हो। पाखंड,कमीनापन और शराफ़त का मुखौटा लगाए रखना फितरत में है लेकिन जब तक तुम्हें सुधार नहीं देता आयुष का आयुषवेद के साथ ही भड़ास भी चलता ही रहेगा।
मेरे नाम और चित्र से बनाया गया ये प्रोफ़ाइल कितना सुंदर लग रहा है ये तस्वीर तब की है जब तुमने मेरे बारे में तमाम प्रशंसा खुद ही अपनी तरफ़ से लिखी थी और साथ ही मनीषा दीदी की भी तस्वीर है तुम्हारे पास उनका भी एक प्रोफ़ाइल बना लो तुम्हारे काम आएगा। लेकिन इससे तुम्हें पैसा नहीं मिलेगा ये ध्यान रखना मुझे न पैसा चाहिये न प्रसिद्धि न ही शांति.........।

तुम इस नये आयुषवेद के पन्ने पर खुद ही सवाल लिख कर उनके ऊटपटांग उत्तर लिखना और इसे दुनिया के सबसे बड़े मुर्दे हो चुके पंखों वाली भड़ास पर प्रचारित कर देना ताकि लोग सही तरीके से भ्रमित हो सकें। ये ठीक उपयोग होगा उस मुर्दे की कब्र का। चलो मुझे ही नहीं सारे भड़ासियों को इंतजार है।
जब तक तुम भड़ास से जुड़ी लोकप्रियता के आधार पर कमाया सारा पैसा सभी लगभग पौने छह सौ भड़ासियों में बराबर नहीं बांट देते मैं तुम्हें डंडा करे रहूंगा। प्रधान जी डाट काम के विषय में तुमने जिस तरह दीपक और मनीषराज का खून पिया है अभी तो मैंने उसे नहीं निकाला है क्योंकि मैंने तुम पर निजी हमला नहीं करा लेकिन तुम सुअर हो जो परिवार पर हमला कर रहे हो,ये बात दीगर है कि तुम किसी का कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे तुम्हारी हड्डियों में मज्जा है ही नहीं। मेरा विरोध तुमसे सिद्धांततः है लेकिन तुम ठहरे घोड़े की लीद धनिया की जगह बेचने वाले बनिया तो परिवार पर हमला करके मुझे कमजोर करने की कोशिश कर रहे हो। भूल जाते हो कि रुद्राक्षनाथ के लिये ये एक बायोमैट्रिक्स वीडियो गेम है। बस इतना याद दिलाना था। मनोरंजन के दिल से धन्यवाद
जय जय भड़ास


2 comments:

मुनव्वर सुल्ताना said...

भाई डा.साहब मानना पड़ेगा आपको ये कमीना बेनामी कमेंट्स के जरिये आपको इतनी गंदी-गंदी गालियां दे रहा है और आप सहन कर रहे हैं। एक बात और है कि ये वाकई सियार है तभी तो बेनामी कमेंट करता है आपको खुल कर सड़क पर आने की बात करता है और खुद मां-बाप के दिये नाम को छुपा कर बिल में से बेनामी कमेंट करता है पिस्सू कहीं का.....
जय जय भड़ास

अजय मोहन said...

डा.साहब ये छुतिहर अभी तक आपको समझ ही न पाया ये इसका दुर्भाग्य और कुबुद्धि ही है जो इस तरह के खेल कर रहा है। आपको सड़क पर आने के लिये कह रहा है तो इससे मै कहता हूं कि अपने घर का पता या उस सड़क या गली या नुक्कड़ का पता और समय बता दे जहां का ये कुत्ता खुद को शेर समझ रहा है, मैं खुद इसकी टांग में रस्सी बांध कर घसीट कर ले आउंगा। चल चिरकुट बेनामी कमेंट से ही सही जरा अपना पता और समय दे ताकि मैं आकर तेरी कस कर रगडम पट्टी कर सकूं।
जय जय भड़ास

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