खुस तो बहुत होगे आज

भैंस पाल लो बकरी पाल लो लेकिन कभी गलत फहमी मत पालोअच्छा तुम दाउद से पैसा नहीं लेते कोई बात नहीं लेकिन ये मैनें इस लिये कहा कि जब तुम लोग मुझे विश्व हिन्दु परिषद का कहते हो तो मुझे भी बुरा लगता है?अगर कोई हिन्दु हित की बात करता है तो तुम मिडिया वाले यही करते हो?मैने जो भी बातें कहीं उसमें सारी गलत भी नहीं?मैनें बार-बार बताया मैं पहले ऐसा नहीं था मुम्बई हमले केबाद ,अंतुले प्रकरण केबाद व सरकारी रवैयों के बाद मै ऐसा हो गया हूँ।
तुम लोग अपने आप को बहुत महान व दुसरों को मुर्ख समझते हो?तुमने मेरा पूरा बायोडाटा ही बना डाला जो कि गलत फहमी का पूलिन्दा है? अभी मेरी शादी नहीं हुई।मै मैथ का ट्युसन पढा़ता हूँ ये मनिषा ने सही बताया मै प्रभावित हुआ?तुम लोगों ने मुझे अन्सक्सेस मैन कहा है शायद तुम लोग सक्सेस का मतलब सरकारी नौकरी समझते हो?पर मुझे मुसलिमों कि तरह सरकार से भी नफरत है इस्लिये मै सरकारी नौकरी करना नहींचाहता?वैसे मै बता दूँ मै ट्युसन के साथ साथ साईबर कैफे चलाता हूँ व मसरूम की खेती अभी अभी मैने सुरू की हैंजहा तक मेरे चार ब्लोग बनाने से मेरा मजाक बनाने की है तो मै बता दूँ मै अभी दस ब्लोग और बनाने वाला हूँ हस लो?लेकिन ध्यान रखना एक दिन मेरा ब्लोग भारत का तो नहीं लेकिन यू पी का नम्बर हो कर रहा ?मै ब्लोग पैसे के लिये नहीं ये तुम लोग करते होगे जैसे तुमने भडा़स का डुब्लिकेट बना रखा है मै अपने आप को ठगा महसूस कर रहाँ हूँ कि अब तक मै मुर्ख बनता रहा?मै ब्लोग लोगो की मदद के लिये बनाता हूँ?खुस तो बहुत होगे आज कि मै डूब्लिकेट ब्लोग से अपनी सदस्य्ता खुद समाप्त कर रहा हूँ

10 comments:

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

प्रशांत भाई सदस्यता समाप्त करना या जुड़े रहना आपका व्यक्तिगत निर्णय है उस पर किसी का कोई जोर नही है। घोर आश्चर्य है कि आप जनता द्वारा जनता के लिये बनायी गयी किसी भी लोकतांत्रिक सरकार से नफ़रत करते हैं इसका अर्थ साफ़ है कि आप लोकतांत्रिक सोच के न होकर तानाशाह हैं। भड़ास का ओरिजनल या डुप्लीकेट होना आप कैसे तय करेंगें इसके आपके अपने पैमाने होंगे। किस भड़ासी ने अपने आपको महान कहा बल्कि आप ही सबको गरियाते रहे। क्या सायबर कैफ़े भारत सरकार के दायरे मे न रह कर अफ़गानिस्तान में चलाते हो? सच स्वीकारने का आपमें माद्दा नही है तो विमर्श से उठ कर भाग लिये। आप चाहे तो एक करोड़ ब्लाग बना लीजिये भला किसे आपत्ति होगी लेकिन लिखोगे क्या???? उसके लिये विचार होना चाहिये किलोग्राम को लीटर में बदलना सिखाने का एक ब्लाग और दूसरे ब्लाग में मीटर को इंच में बदलना सिखाओ तो इस तरह कई करोड़ ब्लाग्स का कंटेंट तैयार कर सकोगे। आपने ये तो बता दिया कि नफ़रत किस किससे करते हो लेकिन ये नहीं बताया कि आपका राष्ट्रवाद क्या है प्रेम किससे करते हैं या प्रेम करते ही नहीं हैं.....
खैर सुखी और प्रसन्न रहिये चाहे जहां रहें और अगर कभी इस वेबपेज से हट कर लगे कि मेरे भीतर आपको जरा भी ईमानदारी और सच्चाई प्रतीत हुई हो तो मेरा मोबाइल नंबर है 09224496555
इस पर आप निःसंकोच संपर्क करियेगा। मैं स्वयं जड़ी-बूटियां उगाता हूं इस नाते हम अभी भी मिट्टी से तो जुड़े ही रहेंगे जब आप मेरे देश की मिट्टी को हाथ लगाएंगे आपको भड़ासी याद आएंगे चाहे कुकुरमुत्ता उगाइये या तुलसी..... झूठे आरोप लगा कर आपने बहुतों का दिल दुखाया अगर जरा सा भी साहस है तो माफ़ी मांग कर जाते क्योंकि माफ़ी मांग लेने से कोई छोटा नहीं हो जाता। अच्छा रहा कि आप किसी कानूनी लपेटॆ में आने से पहले ही चेत गये क्योंकि आप जो कर रहे थे वह निहायत ही आपराधिक था हमारे देश के संविधान के अनुसार.....
जय जय भड़ास

अजय मोहन said...

तुम निरे ढक्कन किस्म के हो यार तुम्हें किसने कहा कि तुम विश्व हिंदू परिषद के हो ये कहा था कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सोच से जुड़े हो। क्या करना है भाड़ में जाओ तुम्हारे जैसे ठस बुद्धि दुराग्रही लोगों की नहीं बल्कि भड़ासियों की जरूरत है इस मंच पर जैसा कि रम्भा अक्का ने कहा था। बच्चा किसका लिये फ़िरते हो ये नहीं बताकर गए?
जय जय भड़ास

मुनव्वर सुल्ताना said...

भड़ासी तो सिद्ध न कर सके हां खुद को भगोड़ा जरूर सिद्ध कर दिया आपने.... किसी के सवालों का कोई संतुलित जवाब आपके पास था ही नहीं तो मुंह छिपा कर भाग जाने में ही आपका अहंकार बचा रह सकता था तो वही करा आपने....
जय जय भड़ास

दीनबन्धु said...

तुम लोगों ने मुझे अन्सक्सेस मैन कहा है शायद तुम लोग सक्सेस का मतलब सरकारी नौकरी समझते हो?पर मुझे मुसलिमों कि तरह सरकार से भी नफरत है इस्लिये मै सरकारी नौकरी करना नहींचाहता?वैसे मै बता दूँ मै ट्युसन के साथ साथ साईबर कैफे चलाता हूँ व मसरूम की खेती अभी अभी मैने सुरू की हैंजहा तक मेरे चार ब्लोग बनाने से मेरा मजाक बनाने की है तो मै बता दूँ मै अभी दस ब्लोग और बनाने वाला हूँ हस लो?लेकिन ध्यान रखना एक दिन मेरा ब्लोग भारत का तो नहीं लेकिन यू पी का नम्बर हो कर रहा ?
इस आदमी की इन बातों से साफ़ पता नहीं चलता कि ये आदमी दिमागी तौर पर दिवालिया था। क्या चंदन भाई सरकारी नौकरी करते हैं या गुफ़रान भाई या खुद भाई रजनीश झा और न मालुम कितने...
जय जय भड़ास

फ़रहीन नाज़ said...

लिख रहा है...
अगर कोई हिन्दु हित की बात करता है तो तुम मिडिया वाले यही करते हो......
इस ईडियट को भड़ास पर कौन-कौन परंपरागत मीडिया वाला दिखाई देता है। हम सब लोग बकरी पालेंगे कुत्ता पालेंगे लेकिन तेरे जैसा गधा इतने दिन तक भड़ास पर पला रहा ये गलत हुआ, भगोड़ा कहीं का....
जय जय भड़ास

vyom srivastava said...

सक्सेस जी सक्सेस का मतलब ये नकारे क्या समझेंगे जो ख़ुद किसी के बलबूते पर जीने तो तैयार थे,जब लात पड़ी तो समझ आया वैसे एक बात है की यसवंत जी ने कुत्तों को रोटी बहुत देर तक डाली जब रोटी नही बची तो कुत्ते भौकने लगे !
और ये ऐसे कुत्ते है जो दूसरे इनको गू डालने आता है तो उसे ही भौकने लगते है खैर आप किन कुत्तों के मुह लगे हो यार कुछ काम करो आपका तो नाम भी सक्सेस है !
ये कुत्ते सरे ब्लोग्गरों को फर्जी समझते है और ख़ुद को दूध का धुला,लेकिन यह इनकी ग़लतफ़हमी है !
मैं हर जगह लिखता हूँ क्योंकि मेरा मन होता है लेकिन यहाँ मन नही होता क्योंकि यहाँ सिर्फ़ भौकने वाले है काटने वाले नही !
तुझे जितना भौकना हो भौंक लेना क्योंकि मैं जानता हूँ तो भौंकेगा जरुर आख़िर कुत्ता है न चल भौंक !
बेटा मेरे जैसा भड़ास को बना पाना इतना आसन नही है चलो कुत्तो लगे रहो!

अमित जैन (जोक्पीडिया ) said...

अलविदा दोस्त ,
प्रभु आप को सध्बुदि दे ,
आप जहा भी जाए वहा वमन्सय न फैले /
मै प्रभु से प्राथना करता हु की आप के हर्दय मे प्रेम नाम का अंकुर अवश्य उगाय/
शुभकामनाओ के साथ

भूमिका रूपेश said...

हम कुत्तों के बीच में ये यशवंत की जमात का सुअर क्या कर रहा है जाकर उसका हगा खा न सुअर के पिल्ले मालुम है कि तू संजय सेन ही है लेकिन तेरी सदस्यता तो हरगिज रद्द न करी जाएगी किसी भी आई.डी. पर तुझे पता है कि अगर तूने सदस्यता छोड़ी तो तू इधर हमारा गू खाने न आ पाएगा जो कि तेरी खुराक है। यशवंत जो खुद साला भिखारी है वो क्या कुत्तों को रॊटी डालेगा वो तो साला खुद कूड़ेदान में जाकर कुत्तों से टुकड़े छीनता फिरता है अगर तुझे इतना पसंद है तेरा वो बाप तो जाकर उसका हगा खा न इधर क्यों थूथुन मारने आ जाता है?
जय जय भड़ास

रम्भा हसन said...

एक सुअर गया तो अब दूसरा आ गया बनिये का भड़वा, नाम के आगे श्रीवास्तव लगा लेने से इसे क्या लगता है कि हज्जाम से आगे बढ़ जाएगा। जा उस दल्ले को तेल लगा जिसे तूने अपना बाप बना लिया है जबकि वो तुझे अपना मूत भी न पीने देगा इतना हरामी आदमी है पिल्ले...
जय जय भड़ास

रजनीश के झा (Rajneesh K Jha) said...

भाई प्रशांत,
आप रहे या ना रहें,
बस एक ही गुजारिश की बच्चों में राष्ट्र की भावना को समाप्त न होने दें.
सर्व धर्म समभाव के हमारे आदर्श को जीवित रखें.
शुभकामना
जय जय भड़ास

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