आरोग्य मेले में E.T.G.यानि इलैक्ट्रोत्रिदोषग्राम के विषय में किसी चिकित्सक जानकारी ही नहीं है

मुंबई, देश की आर्थिक राजधानी में आयुष से संबंधित मंत्रालय ने आयुर्वेद(A), योग एवं नेचुरोपैथी(Y), यूनानी(U), सिद्धा(S), होम्योपैथी(H) के विकास के लिये ३० जन. से २ फर. तक आरोग्य मेला लगाया हुआ है। सरकार अपनी नीतियों के तहत इस तरह के विकास कार्यक्रमों पर चाहे वह भाषा के विकास हेतु पुस्तक मेले हों या स्वास्थ्य व आरोग्य जागरूकता के लिए ऐसे आरोग्य मेले हों ,करोड़ों रुपए व्यय करती है। आज मैं इरादा कर के गया था कि वहां जिन वैद्य, चिकित्सकों और हक़ीमों ने मुफ़्त स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर अपनी दुकान सजा रखी है उनकी क्लास लेना है कि आप देह में कफ-पित्त-वात की स्थिति का क्या कागजी प्रमाण दे सकते हैं; इस पर सभी बगलें झांकने लगे और कन्नी काट कर व्यस्तता का ढोंग रचाने लगते थे। यूनानी पंडाल में मौजूद डाक्टर मुनव्वर ए. काजिमी जो कि जे.जे. अस्पताल में किसी विषय पर शोध कर रहे हैं, उनसे जब मैने बात करी तो मैं हतप्रभ रह गया जब उन्होंने यूनानी और आयुर्वेद को साइंस मानने से ही इंकार कर दिया; वे कहते रहे मैं सुनता रहा कि वे किस तरह आधुनिक ऐलोपैथी की पैथोलाजी और उसके पैमानों से किस कदर प्रभावित हैं कि आयुर्वेद और यूनानी पर सवालिया निशान लगाते रहे। जब मैंने ऐसे कई लोगों से बात कर ली तो मैं समझ गया कि E.T.G.यानि इलैक्ट्रोत्रिदोषग्राम के विषय में इन लोगों से चर्चा करना मूर्खता है क्योंकि इन्होंने आंखों पर ऐलोपैथी का चश्मा चढ़ा रखा है और मजबूरी में आयुर्वेद या यूनानी से जुड़े हैं। लेकिन मैं एक प्रण कर चुका हूं कि आयुर्वेद और योग को गौरव दिलाने के लिये पातंजलि योगपीठ वाले बाबा रामदेव की तरह आयुर्वेद और योग के प्रमाणन के लिये ब्लड टैस्ट या ई.सी.जी. का सहारा नहीं लूंगा क्योंकि यह तो एक तरह से दोहरा मापदंड है कि उपचार के लिए आयुर्वेद और योग और पैथोलाजी और लाभ के प्रमाण के लिये ऐलोपैथी की मोहताजी........।

जय जय भड़ास

3 comments:

अमित जैन (जोक्पीडिया ) said...

ये हमारे देश का दुर्भाग्य है की यहाँ सारा समाज अलग अलग व्यक्तियो मे बटा है जो सिर्फ़ अपनी जानकारी को ही सर्वो परी मानते है / जहा किसी और की योग्यता का कोई मान नही होता , अगर सभी पेथी एक दूसरे के गुणों को अपना ले और एक दूसरे की पूरक बन जाए तो मै समझता हु की इस जहा मे कोई बीमारी ही नही रहेगी /लकिन नही सब अपनी अपनी बीन बजा रहे है / इस का उद्धरण है की एक लड़की को brest मे गाठे हो गई जिसे alloapathy मे opreation के लिए refer कर दिया / जब उसी लडकी को मैने homeopathy ka cal.flur3x दिया तो वो बड़ी आसानी से २ महीने माय गायब हो गई /अगर हम सभी पथियो से उन की सभी कामयाब उपचार को मिला कर किसी बीमार का इलाज करे तो शायद हम इस देश को बीमारों से मुक्त कर सके /

हरभूषण said...

अमित भाई क्यों डा.रूपेश के पेट पर लात रख कर तांडव कर रहे हो कुछ मरीज़ उनके लिये छोड़ दीजिये ताकि उनका भी चिकित्साभ्यास बना रहे वरना बस ब्लागिंग ही करने के लायक रह जाएंगे श्रीमान जी :)
अफ़सोस है कि लोग अब तक इस अविष्कार से वंचित हैं लेकिन अगर भड़ास ने यह अभियान अपने कंधे पर लिया है तो मंजिल जल्द ही हमारे पास होगी डा.साहब आप इस मिशन में अकेले नहीं हैं सारे भड़ासी आपके साथ हैं।
जय जय भड़ास

रजनीश के झा (Rajneesh K Jha) said...

देश के जयचंदों (नाजायज संतानों) ने ही हमें हमारी भारतीयता से वंचित कर रखा है, हमारा सम्मिलित प्रयास जारी रहेगा.
जय जय भड़ास

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