मैं भी जाकर मातोश्री आवास के बाहर लगे इस बड़े से चित्र में भगवान श्री राम के कलियुगी अवतार कहे गये बाल ठाकरे के दर्शन कर आया। अब मन में कुछ सवाल उमड़-घुमड़ रहे हैं। असल में दोष तो मेरे डी.एन.ए. में ही है कि सीधी बातें समझ में ही नहीं आती हैं। सवाल यह है कि जब प्रभु अवतार ले ही चुके थे तो ये बात अस्सी-पिच्यासी साल तक मुझ जैसे भक्तजनों से छिपा कर क्यों रखी थी? कहीं ऐसा तो नहीं है कि हम जैसे पाखंडी खुद को महर्षि विश्वामित्र का अवतार घोषित करके भगवन बाल ठाकरे के पास चले जाएंगे कि प्रभु विश्व को आतंक के दानव से मुक्ति दिलाओ? ऐसा भी हो सकता है कि भगवन बाल ठाकरे का एक पैर तो अब कब्र में है और दूसरा केले के छिलके पर तो अब आतंक के दानव से मुक्ति ये न दिलायें बल्कि इनकी अगली पीढ़ी यानि कि लव-कुश के अवतार म.न.से. प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना के कार्यकारी प्रमुख उद्धव ठाकरे दिलवाएं? अब देखना जल्द ही विश्व को ये शुभ समाचार मिलने वाला है कि दोनो अवतारी लव-कुश(राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे) ने मिल कर दशानन रावण के अवतार ओसामा बिन लादेन का वध कर दिया है या फिर बराक ओबामा के अश्वमेघ का घोड़ा पकड़ लिया है। हम भड़ासी भक्तजन तो भावविभोर हो उठे हैं और कल से बाल(राम)चरित मानस का नया वर्ज़न लिखने में जुट गये है हो सकता है हमें भी अस्सी साल का होने पर ये पता चले कि हम भी तुलसीदास के अवतार हैं।
जय जय भड़ास
1 comment:
भगवान बचाए इन अवतारों से..... पूरी मुंबई में नर्क बना कर रख दिया है इन छद्म अवतारों के कुनबे ने...
जय जय भड़ास
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