मुंबई का सच !!!!!!!

जब अक्खा दुनिया सोती है तो मुंबई जागता है, ऐसा मुंबई वाले कहते हैं । मुंबई से जो बाहर रहते हैं वो इसे सुनते हैं और मानते हैं, मगर इनके जागने का क्या कारण है...... इनका मायानगरी होना, मायानगरी की चमक दमक, ग्लेमर को लुभाती रात या फ़िर कुछ और
दुनिया सोये या जगे, माया का पता लग सके.....
मायानगरी की माया तो ट्रेन है



मुंबई के स्टेशन बन्दों की दरगाह


लाइफलाइन यानी मुंबईरेल और स्टेशन यानी पल पल का जीवन

मुंबई का सच, रात को जगते ये माली कि मुंबई को दिन में खुशबू दे सकें।
ये एक सच उनके लिए जो मुंबई कि माया में जा के खो जाना चाहते हैं मगर हकीकत से अनजान। क्या इन तस्वीरों को हम अपने जीवन से आत्मसात कर सकते हैं ? क्या सरकार, प्रशासन के साथ आम जन के कर्त्तव्य की सीमा रेखा से परे हैं ?विचार विचार और सिर्फ विचार नहीं मित्र कार्य की दरकार है और ये मुंबई की कहानी नहीं हमारे हिन्दुस्तान की जुबान है. विकसित भारत, शक्तिशाली भारत, अणु और परमाणु वाला भारत मगर जिसकी रीढ़ की हड्डी ये तस्वीरें हैं. हमारे देश की हमारी तस्वीर।

3 comments:

शोभा said...

सच का दर्शन कराया है आपने. चित्र बेहद प्रभावी और बहुत कुछ कहते हुए लगे.

रंजनी कुमार झा (Ranjani Kumar Jha) said...

तस्वीरें बोलती हैं और इस का गवाह है आपका ये प्रभावी छायांकन.
हकीकत को आइना के सामने लाने के लिए धन्यवाद

अग्नि बाण said...

प्रभावी चित्र, हकीकत बयां करती है भीडू, बढ़िया है अंदाज.

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