आज की इस तेज रफ्तार जिंदगी में अगर पति-पत्नी दोनों कामकाजी हों तो एक-दूसरे के साथ बैठने और बातचीत के लिए भी समय निकालना मुश्किल हो जाता है। इसका सीधा असर पड़ता है उनकी सेक्स लाइफ पर। लंबे समय तक सेक्स के प्रति उदासीनता धीरे-धीरे वैवाहिक जीवन पर असर डालने लगती है। नतीजा होता है आपसी कड़वाहट और रिश्तों में तनाव। भागदौड़ भरी जिंदगी और यौन थकानकॉरपोरेट कल्चर के बीच काम करने वालों की रोजमर्रा की जिंदगी में इतनी जिम्मेदारियां और तनाव होते हैं कि बेडरूम तक पहुंचते-पहुंचते वे बिल्कुल निचुड़ चुके होते हैं। एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले विनय और उनकी साफ्टवेयर इंजीनियर पत्नी गौरी भी इसे स्वीकार करते हैं। गौरी कहती हैं: मैं महसूस करती हूं कि पहले की तरह अब हम सेक्स के लिए समय नहीं निकाल पाते। अक्सर युवा सोचते हैं कि थोड़ा सेटल हो जाएं उसके बाद से इस भागदौड़ भरी जिंदगी को थोड़ा कंट्रोल में लाएंगे। पहले के मुकाबले जागरुक हुए दंपतिहालांकि समाजशास्त्रियों ने महसूस किया है कि अक्सर लेट थर्टीज़ में स्थितियां सुधरने लगती हैं। दंपति शुरुआती जिंदगी के मुकाबले थोड़ा निश्चिंत हो जाते हैं। इसका उनकी सेक्स लाइफ पर सकारात्मक असर पड़ता है। इसके अलावा महानगरों में रहने वाले दंपति अब पहले के मुकाबले ज्यादा जागरुक हो गए हैं। इंटरनेट, सेटेलाइट चैनल और समाज में सेक्स को लेकर आए खुलेपन ने उनकी सोच बदली है। खास तौर पर स्त्रियां यह स्वीकारने लगी हैं कि सेक्स जीवन का एक अहम हिस्सा है। तनाव और थकान भगाता भी है सेक्सयह सच है कि तनाव और थकान का पति-पत्नी के यौन जीवन पर बुरा असर पड़ता है, मगर वहीं यह भी सच है कि सेक्स ही आपके जीवन में पैदा होने वाले दबावों और परेशानियों से जूझने का टॉनिक भी बनता है। हाल ही में हुए शोध तो यहां तक बताते हैं कि नियमित सेक्स रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाता है। जो पति-पत्नी सप्ताह में तीन बार तक सेक्स संबंध बनाते हैं वे अपनी उम्र से कम दिखते हैं। यह सिरदर्द, संधिवात और संक्रामक रोगों से भी बचाता है। जॉगिंग से बेहतर व्यायामसेक्सोलॉजिस्ट कहते हैं कि सेक्स करना जॉगिंग से कहीं बेहतर व्यायाम है। जॉगिंग के दौरान दिल की धड़कन 120 के लगभग होती है जबकि सेक्स संबंध बनाने के दौरान यह 160 तक पहुंच जाती है। सेक्स के दौरान मस्तिष्क के कुछ बेहद खास हिस्सों में रक्त का संचार बढ़ता है। इससे मस्तिष्क शांत होता है और यह थकान और तनाव को खत्म करता है। इससे बदन में हाइड़्रोलिक्स केमिकल का संचार होता है और आपकी त्वचा में स्निग्धता आती है। रिश्तों में निकटता लाता है सेक्ससिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं सेक्स का असर आपसी रिश्तों पर भी पड़ता है। यह पति-पत्नी को एक-दूसरे के करीब लाने में भी मदद करता है। उनके पास आपस में एक-दूसरे से कहने लिए बहुत कुछ होता है। वे अपने-आप पर ध्यान देने लगते हैं। पहले के मुकाबले वे ज्यादा चुस्त और स्मार्ट नजर आते हैं। पति-पत्नी के बीच आपसी मधुरता का असर उनके सामाजिक रिश्तों पर भी पड़ता है। उनका चमकता चेहरा उनके जीवन की खुशहाली को दर्शाता है। सेक्स ऐसा जिसे दोनों एंज्वाय करेंमनोचिकित्सकों का मानना है कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए ऐसा सेक्स जरूरी है जिसे पति-पत्नी दोनों एंज्वाय करें। इसके लिए जरूरी है कि इसे एक मशीनी क्रिया में बदलने की बजाय दिलचस्प बनाने पर जोर दिया जाए। इसमें फोरप्ले और कल्पनाशीलता की अहम भूमिका होती है। दरअसल यही आपको तनाव से मुक्त करता है और एक-दूसरे के करीब लाता है। सेक्स के दौरान सिर्फ एक-दूसरे के अंगों को सहलाकर और चूमकर शिथिलता दूर की जा सकती है। आपस में मधुर बातें, ओरल सेक्स या हस्तमैथुन के जरिए रुटीन की सेक्स लाइफ को ज्यादा स्पाइसी बनाया जा सकता है। इसलिए व्यस्तता भरी जिंदगी में भी सेक्स से मुंह न मोड़ें यह आपके जीवन को ज्यादा ऊर्जा से भरा और स्वस्थ बनाता है।
1 comment:
ऊ.....ऊ... भौं भौं....
गुरू ऐसी ही आवाजें निकालने का मन हो रहा है हम ठहरे कुंठित लोग तो ऐसी बातें निकलते ही दिमाग और बदन के सारे पुर्जे एक ही दिशा में भौंकने लगते हैं:)
जय जय भड़ास
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