फिर शहीद हुवे हम 29/11/08

अनाथ बच्चे बिलखते
माँ बाप खाली दामन तकते,
फिर कोई फूल चमन से
फिर चमन किसी फूल से
आज महरूम हो गया है ,
फिर पड़ी दरारें आपस में
फिर किसी ने उगला ज़हर है,
फिर खेली गयी होली खून की
फिर शहीद हुवे
भगत चंद्रशेखर अशफाक ,
रोको इन दह्शद-गर्दों को
ये देश की अंधी राजनीति के
पेट से पैदा कुछ कीड़े हैं,
देश बेचने वालों के
ये अन्न दाता हैं
जागो भारत की अब
हम टूटने की कगार पर हैं ,
एक क्रांति और पुकार रही है
सुनो इस पुकार को
आज़ाद करा लो देश
आओ एक बार फिर से
हम सिर्फ क्रांतिकारी बने
एक बार फिर से हम
देश में बदलाव के लिए
संघर्ष करें......,
apka हमवतन भाई गुफरान(AWADH PEPULS FORUM FAIZABAD)

2 comments:

फ़रहीन नाज़ said...

गुफ़रान भाई,हम सबने मुंबई में निजी तौर पर उस पीड़ा को करीब से झेला है लेकिन हमें आतंकवाद की बुनियादी जड़ें तलाशनी होंगी.....
अवध पीपुल्स फोरम के उद्देश्यों की पूर्ति हो ईश्वर से प्रार्थना है अभी डा.साहब ने बताया कि जनाब बर्नी साहब भी वहां थे ये सोच कर ही खुशी हो रही है कि आप सब भाग्यशाली हैं जो उन्हें देख सुन पाए।
जय जय भड़ास

गुफरान सिद्दीकी said...

shuqriya farheen ji allah ka shuqr hai ki ab faizabad me bahot se aise log agey aa rahe hain jo kabhi darte the ummid hai ki jo shuruat ham sabhi ne yahan se ki hai usko pure desh me faila denge bas aap sabhi allah se dua karte rahiye.......thnx ghufran

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