ये रहे हमारे अभिनव बिंद्रा बाबू जो निशाने बाजी में सोने का मैडल लेकर आये और देश का मान बढ़ाया इन्हें दिये सरकार ने तीन करोड़ रुपये........
ये हैं हमारे देश के शहीद को सम्मान देते लोग जिसने देश की रक्षा करते जान दे दी इन्हें सरकार मरणोपरान्त देती है पांच लाख रुपये.......
जो कि पता नहीं कितने चक्कर लगाने के बाद परिवार को मिलेंगें क्योंकि सरकार के द्वारा दी गई पुरुस्कार राशि बरसों बरस फाइलों में अटकी रहती है।
क्या करें ऐसे राजनेताओं का?????????
जो कि पता नहीं कितने चक्कर लगाने के बाद परिवार को मिलेंगें क्योंकि सरकार के द्वारा दी गई पुरुस्कार राशि बरसों बरस फाइलों में अटकी रहती है।
क्या करें ऐसे राजनेताओं का?????????
4 comments:
jabardust kataksh kiya hai apne. vastav mein sarkar itani nikammi ho gayi hai ki apne shahidon ka samman bhi nahi kar pa rahi hai.
फरहीन,
बहुत बढिया और जोरदार भी थप्पड़ भी.
अभी हाल में ही एक शहीद की माँ जो पुरे एक सौ तीन साल की हैं हरियाणा के भीख मांगती हुई पाईए गयी हैं, ये उस शहीद की माँ हैं जिन्होंने १९७१ की लड़ाई में अपने बेटे की कुर्बानी दी है, देश के लिए बेटा देने वाले पर सरकार कुछ करे कैसे अपने घर में ही बेटे बहु और रिश्तेदारों को चुनावी टिकट देने से फुर्सत जो नही, आजादी की लड़ाई में अंग्रेज के पिट्ठू रहे राजवाडे आज देश के कर्णधार जो हैं.
जय जय भड़ास
फरहीन,
आप तो आपा की तरह लिखने लगी हैं, बढिया और सटीक भी,
ऐसी ही अपनी भड़ास निकलती रहिये.
जय जय भड़ास
फरहीन जी
बहोत कम शब्दों में बहोत कुछ कह दिया आपने इस बीमारी का इलाज बिना चीर-फाड़ (आपरेशन) के संभव नहीं है जब तक इस तरह के नेता रहेंगे ये चलता रहेगा l
आपको बधाई इस अच्छे लेख के लिए l
आपका हमवतन भाई गुफरान (ghufran.j@gmail.com)
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