मुझे माफ़ मत करना भड़ासियों जब तक आप सब अपनी जगह न पा लें

मेरे प्यारे दुलारे भड़ासी भाई-बहनों, आज मनीषा दीदी ने खीझ कर कहा कि भाई आपने भड़ास के रंगरूप बदलने के चक्कर में हमारे जिन भाई-बहनों के ब्लाग्स के लिंक यहां लगे थे हट गये और अब तक नहीं लगाए गये। परछाईदार सपनों वाली छाया बहन, शमा दीदी, मुनव्वर आपा,मनीषा दीदी, भाई अमित जैन,लोकसंघर्ष वाले आदरणीय भाई रणधीर सिंह ’सुमन’जी,इलाहाबाद वाले सुदर्शन लिये हमारे वकील भाई विक्की मिश्रा, भाई गुफ़रान अवध पीपुल फ़ोरम वाले,अनूप मंडल वाले सभी से मैं अपनी चिरकुट व्यस्तता के लिये क्षमा मांगता हूं कि अब तक इस तकनीकी कसरत के लिये समय नहीं चुरा सका। जिस दिन दिमाग फिर गया सारे मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ कर दिन भर यही करता बैठूंगा क्योंकि हमारे भड़ासी सर्जन आफ़ताब खान आजकल इश्क में पड़ कर निकम्मे हो जाने की सदियों पुरानी परंपरा को पूरी तरह निभा रहे हैं। जल्द ही ऐसा होने वाला है क्योंकि बहुत दिन हो गये यार.... लोगों को लगेगा कि साले तानाशाही कर रहे हैं।
जय जय भड़ास

2 comments:

गुफरान सिद्दीकी said...

रुपेश भाई माफ़ी की कोई बात नहीं जब आपकी मसरूफियत ख़तम हो जाये तो काम पूरा कर लीजियेगा और मनीषा दीदी से बोलिए गुस्सा कम करें अब ठण्ड आ चुकी है.हाँ आफताब को ज़रूर पकड़ कर रखिये जब उनका शौक पूरा हो जाये तो काम पर ध्यान दें .


आपका हमवतन भाई गुफरान (अवध पीपुल्स फोरम फैजाबाद)

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

गुफ़रान भाई इश्क पर लगाम लगाना भड़ास के सिद्धांतों में नहीं है तो फिलहाल बच्चा छुट्टा सांड की तरह पगहा तुड़ा कर निकल भागा है आजकल पता नहीं कहां है... बहरीन? हैदराबाद?? या फिर ग्वालियर??? जब प्रेम संपन्न हो जाएगा तो वापिस मुंबई :)
जय जय भड़ास

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