आप सभी को धनतेरस, दिवाली की शुभकामनाए

आज लगभग एक महीने बाद मेरे पीसी ने मुझे इजाजत दी की मै , उस पर आप सभी से बात कर सकू / अरे भाई, मेरा दोस्त ,मेरा हमदम, मेरा खाली समय का सदुपयोग या दरुपयोग ,मेरा मित्र, मेरा कंप्यूटर लघभग एक महीने से मुझसे रूठा हुआ था , कभी इसके दिल (हार्ड डिस्क )मे खराबी आ जाती तो कभी किडनी (रैम ) मे , बाकि की बीमारी इस के चिकित्सक ने पैदा कर दी , अब बेचारा मेरा दोस्त अपना किडनी ट्रांसप्लांट , हार्ट ट्रांसप्लांट करवा कर कल ही आया था ,की इस की विण्डो का परदा गिर गया , बड़ी मुस्किल से बेचारे को मनाया , २ - ४ रुपये का लालच दिया जब जा कर माना , आते ही पुरा भादाश पढ़ डाला , मजा आ गया सब के मन की बातो पर /कल फ़िर आप सब से मुलाकात होगी जब तक के लिए नमस्कार और हा एक बात तो भूल ही गया , सब को दीपावली की शुभकामनाए / अनूप भाई आप को भी /

2 comments:

अजय मोहन said...

आप चित्रों में जिस तरह कम्प्यूटर पर हथौड़ा चला रहे हैं उससे लगा कि आपकी इन्हीं हरकतों से वो बीमार हो गया होगा क्योंकि प्यार से पुच्च-पुच्च करने से तो बेजान चीजें भी शायद मान कर श्वांस लेने लगती हैं :) वैसे अब आपका दोस्त हमदम बन गया है तो आपका दोबारा भड़ास पर स्वागत है। अनूप मंडल के लोगों को उंगली करे बिना आप नहीं मानेंगे
जय जय भड़ास

मुनेन्द्र सोनी said...

अभी देखना अमित भाई वापिस आए और आकर अनूप मंडल को उंगली कर दी है तो वे भी बंबू करे बिना न मानेंगे
दीवाली की शुभेच्छा, क्या जैन दीवाली मनाते हैं? क्यों? क्या कथा है इस पर्व के पीछे जैनों के अनुसार?
जय जय भड़ास

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