बाबा रामदेव के पास क्यों समय नहीं है जस्टिस आनंद सिंह के लिये??????

अभी हाल ही में देखा कि अदालती नौटंकी करने वाले एक चैनल पर बाबा रामदेव लहरा-लहरा कर मुस्कराहटों के फ़ार्म भर रहे हैं और जवाब पर जवाब दिये जा रहे हैं। आखिर क्या बात है कि बाबा रामदेव के पास में काश्मीरा शाह (हिंदी फिल्मों की एक अभिनय शून्य नचनिया) और संभावना सेठ (इन्हें भी आप इसी श्रेणी में गिन सकते हैं) के हर सवाल का बड़ा ही मुस्कराता हुआ उत्तर है और समय भी है। जस्टिस आनंद सिंह से लेकर डा.देशबंधु बाजपेयी तक किसी से मिलने के लिये इनके पास एक सेकंड भी नहीं है। अभी हाल ही में मुझे कूड़े के ढेर पर से एक पत्रक दिखा जिस पर इनकी तस्वीर बनी थी तो कौतूहल वश मैंने उठा लिया पढ़ने पर पता चला कि वो इनकी नई दुकान “भारत स्वाभिमान ट्रस्ट” का प्रचार पत्र है। इस पत्र में बाबा ने स्वदेशी के बारे में अपना राग गाया है निःसंदेह हर अक्षर प्रभावशाली है लेकिन पहली ही बात झूठ सिद्ध हो रही है जहां लिखा है......1. स्वदेशी चिकित्सा व्यवस्था 2. स्वदेशी शिक्षा व्यवस्था 3. स्वदेशी अर्थ व्यवस्था...... वगैरह वगैरह....।
अब कोई इन से पूछे कि मक्कारों के शिरोमणि ! जब तुम आयुर्वेद और योग के नाम पर अपना पेट भर रहे हो तब डा.देशबंधु बाजपेयी के बनाए क्रान्तिकारी अविष्कार “इलैक्ट्रोत्रिदोषग्राम” की बात तक करने में तुम्हें बुखार क्यों आ रहा था? जब भड़ास पर कस कर डंडा करा गया तब योगसंदेश मासिक पत्रिका में एक लाइन निकाल दी। उपचार में कफ़-पित्त-वात की बात करेंगे लेकिन जब बात उस पैथोलाजी की आएगी तो झट से एलोपैथी के पाले में कूद कर ब्लड टैस्ट और ई.सी.जी. की बात करने लगते हैं। अरे नौटंकीबाजों ! स्वदेशी की दुहाई देकर भोले देशवासियों को तो भुलावे में ले लोगे लेकिन इतना तो बताओ कि जिन बातों की दुहाई देकर देश को दुह रहे हो उसके क्रियान्वयन का प्रारूप है भी तुम्हारे पास या बस यूं ही लिख दिया कि अगर हम देशहित में काम न करें तो हमें और संगठन को छोड़ देना। कितने भोले बनते तुम सब.... इसी तरह से सारे राजनेता जनता को दशकों से चूस रहे हैं तुम भी उतर आए पाइप लेकर खून पीने। साहस और सत्यता है तो जस्टिस आनंद सिंह को मिलने का समय दो तब समझ में आएगा कि सच्चाई क्या है।
जय जय भड़ास

1 comment:

Suman said...

मक्कारों के शिरोमणि ! जब तुम आयुर्वेद और योग के नाम पर अपना पेट भर रहे हो तब डा.देशबंधु बाजपेयी के बनाए क्रान्तिकारी अविष्कार “इलैक्ट्रोत्रिदोषग्राम” की बात तक करने में तुम्हें बुखार क्यों आ रहा था?nice

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