आज कल व्यस्तता ज्यादा रहती है सो समाचारों से भी रु ब रु होने का वक्त नही होता, गाहे ब गाहे कोशिश करता हूँ की देश और दुनिया से दो चार हो सकूं सो अखबारों के अलावे खबरिया चैनल पर भी एक नजर मारने की कोशिश
रहती है।
बहरहाल अभी हाल में ही भारत का इंग्लैंड से क्रिकेट श्रृंख्ला संपन्न हुआ, अन्तिम मुकाबला चंडीगढ़ में था सो मैच संपन्न होने के बाद भारत के धुरंधर सचिन अपने पुत्र से मिलने पास में ही शिमला चले गए, और सचिन का शिमला जाना यानी नीचे की तस्वीर.
सालों से हिन्दुस्तान की हिन्दी खबरिया चैनल का सरताज बना आज तक, आज तक लोगों को किस तरह का एक्सक्लूसिव पिला रहा है का उदाहरण ये तस्वीर, जरा शीर्षक पर गौर कीजिये और नीचे भी कुनबा और एक्सक्लूसिव चैनल के छुटभैये होने की कहानी आप बना रहा ।
मुंबई के आतंकी हमले के बाद से ख़बर के साथ लोगो की संवेदना बेचने के साथ अपना व्यवसाय करता भारतीय मीडिया किसी भी मौके को चूकना नही चाहता तभी तो मुंबई हमले के ख़बरों के बीच में सचिन का घूमने का एक्सक्लूसिव बना कर लोगों का स्वाद बदला और वापस आतंक ही आतंक।
जरा सोचिये सचिन का घूमने जाना एक्सक्लूसिव है तो सचिन का और कौन कौन सा काम इन धुरंधरों के लिए एक्सक्लूसिव हो सकता है। पत्रकारिता के दुर्योधन लोगों का संवाद बन रहे हैं या फ़िर दुकानदारी में लोगों की भावना और संवेदना के साथ भारतीयता का खुला बाजार ? जहाँ कलम और माइक वाले लोग ताली बजाते (जो मज़बूरी में लैंगिक विकलांगों का व्यवसाय बना हुआ है) हुए ख़बर बनाते हैं।
3 comments:
मेरा ज्ञान इस विषय में बहुत सीमित है सो कुछ कहना गलत होगा। जब आयुषी (?)हत्याकाँड में हमारे खबरिया चैनल अपना एकतरफा मुकदमा चलाकर डॉक्टर तलवार को दोषी साबित कर रहे थे तबसे बार बार ये चैनल या कोई भी सुनना बंद कर देती हूँ। फिर होता है कोई मुम्बई कांड और फिर दो एक दिन सुनती हूँ। सो मेरी टिप्पणी सार्थक नहीं है। लेख पढ़ा,अन्य भी पढ़े,हाजिरी लगा दी है।
घुघूती बासूती
gaye honge bedroom exclucive lane nahi mila to to bathroom exclucive hi sahi.
आज तक से आजिज.....
इस से ज्यादा नहीं कहूँगा.
माइक पकडे नचनियों की फौज है इनकी.
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