नाम: कई एक.... सिद्दीक भाई/सतीश गटने/......ना जाने कितने...... पुलिस ने अपने रिकार्ड में नाम दिया था
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अब सब ठीक है क्योंकि अपने सारे अपराधों की सजाएं काट कर अब सामान्य नागरिक की हैसियत से रह रहे हैं। अंकल के नाम से लोकप्रिय X-man ने जिस पुलिस को बरसों-बरस छकाया था अब उसी मुंबई पुलिस के लोकल इन्फ़ार्मेशन नेटवर्क के अत्यंत विश्वसनीय व प्रमुख व्यक्ति हैं
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इस मुलाकात में आ जुड़े मुंबई के चेंबूर इलाके के पुराने दादा "उमर भाई" यानि हमारे भड़ासी साथी जनाब मोहम्मद उमर रफ़ाई .......,कान्वेन्ट शिक्षा से पढ़े हुए पूना के रहने वाले उमर भाई जब मुंबई आए तो परिस्थितियों ने उन्हें बना दिया "भाई", आज भी इनका बसाया हुआ ’भाई-भाई नगर’ एकता का प्रतीक है जो हर हाल में उमर भाई की बड़ी गहरी सोच का जीता-जागता सबूत है लगभग सात सौ घर, बाजार, मंदिर,मस्जिद-मदरसा,चर्च,श्मशान भूमि,पोस्ट आफ़िस....... ये सब इन्होंने बसा-बना दिया था अपनी तलवार और कलम की ताकत से....... उस जमाने में जब महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े नाम माने जाने वाले नारायण राणे इनके पास मदद के लिये सुबह-शाम चक्कर मारते थे.....
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दोनो बूढ़े शेर अलग अलग सोच रखने वाले लेकिन दोनो क्रान्तिकारी सोच के धनी.......अभी तो बहस चल रही है पुरानी बातों के आइने में आज के प्रसंग लगा कर..... एक दूसरे से खिंचे हुए से..... लेकिन भड़ास के मंच पर दोनो एक हैं....... अस्तित्त्वहीन माने गए ये भारी-भरकम वजूद......।
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करीब आए...लेकिन अभी भी पुराने तेवर.......
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आयी मुस्कुराहट चेहरों पर साथ में हैं वरिष्ठ भड़ासिन मुनव्वर सुल्ताना यानि हम सब की मुनव्वर आपा...
बस ऐसे ही जोड़े रखिये सबको
जय जय भड़ास
2 comments:
महारथियों के दर्शन से मन प्रसन्न हो गया....
डाक्टर साहब,
महाभडासियों का सम्मलेन देख कर बस एक कसक की मैं इसमें शामिल नही था. दोनों बुजुर्गवार भडासी जो नि:संदेह युवकों की भांति ऊर्जा से लबरेज है और हमारी भड़ास माता को नमन और आपको आभार.
जय जय भड़ास
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