पिछली एक पोस्ट में मैंने डा.देशबंधु बाजपेयी जी के बारे में लिखा था। ये बताया था कि इस देश में कैसे एक विद्वान चिकित्सक और उसका महान अविष्कार लालफ़ीताशाही का शिकार होकर तिरस्कार झेल रहे हैं। हमारे भाई की करुणा इतनी गहरी है कि वे अपने गुरूजी से बात करते हुए रो दिये। उनके आंसुओं से अब मुझे लग रहा है कि चमत्कार घटित होने वाला है क्योंकि जब मैं एक लैंगिक विकलांग जो कि तालियां बजा कर भीख मांगा करती थी आज आप सबके साथ ससम्मान खड़ी हो पा रही हूं तो फिर डा.बाजपेयी की समस्या तो अब दूर हो ही जाने वाली है हमारा मसीहा रो दिया है लोगों........
डा.बाजपेयी ने भी लिखा भाई के लिये
4 comments:
मसीहा ऐसे ही सबका भला करते रहें ! शुक्रिया !
सबका भला हो !
दीदी मुझे मसीहा कहना बंद करिये मैं इंसान बना रहूं बस इतना ही काफ़ी है मेरे लिए......
गुरुदेव रोना धोना छोरिये, बहुत लडाइयां लड़नी है,
और क्षद्म लोग चाहते ही हैं की आप रोयीं, बस
अब और नही,
जय जय भड़ास
Post a Comment