भड़ास क्या है इस बारे में एक अरसा पहले डा.रूपेश श्रीवास्तव ने लिखा था कि विचार रेचन करके आदमी तमाम मनोशारीरिक बीमारियों से सहज ही बच सकता है। चूंकि तकनीक उपलब्ध है तो फिर उन्होंने इस बात को प्रयोग के तौर पर एक ब्लाग पर आजमाया यानि कि सीधे प्रयोगात्मक नतीजे....। प्रयोग सफल रहा और वह ब्लाग संसार का सबसे बड़ा हिंदी का कम्युनिटी ब्लाग बन गया। इससे प्रेरित होकर अब डा.रूपेश श्रीवास्तव ने एक अभिनव प्रयोग की शुरुआत करी है कि हर ब्लागर ही नहीं बल्कि इंटरनेट से जुड़ा हर व्यक्ति यदि संभव हो तो एक ऐसा ब्लाग बनाए जिसमें कि वह अपनी भड़ास निकाल सके। उस ब्लाग का आप कुछ भी दिलचस्प सा नाम रख लीजिये.....जैसे कि खुन्नस,दिल की बात, उगालदान या फिर भड़ास(बस यू.आर.एल. कुछ भी रखिये हिंदी में आप इस नाम को भी रख सकते हैं)। ब्लागर पर "भड़ास" नाम रख लेने में आपको कोई अड़चन न होगी। आप चाहें तो इसे कम्युनिटी ब्लाग बना कर दूसरों को भी बतौर लेखक जोड़ सकते हैं या बस अकेले ही लिखिये कोई रोक टोक नहीं है। इस बात पर आपको कोई ये नहीं कह सकता कि आप उसकी नकल कर रहे हैं अगर कोई ऐसा कहे तो उस पर ध्यान न दें क्योंकि वह मात्र दिमागी मरीज होगा जिसे कुछ बौद्धिक भ्रम जैसी बीमारी होगी आप तो बस उसे खीझने-खिसियाने दें और अपनी भड़ास निकालते रहिये जिससे कि आजकल की तेज रफ़्तार तनाव भरी जिंदगी में प्रफुल्लित बने रहें। देखिये कि भड़ास नाम से इस पेज के अलावा भी ब्लाग मौजूद हैं यह कोई बौद्धिक सम्पत्ति नहीं है क्योंकि अगर कोई गाली देता है तो यह नहीं कहता कि यह उसकी मौलिक गाली है इस पर उसका कापीराइट है या बीमार आदमी उल्टी करे तो दावा नहीं करता कि उसकी उल्टी में मौजूद तत्त्व उसके निजी हैं वह उसे सम्हाल कर रखेगा कोई उस उल्टी को हाथ न लगाए(ऐसा आदमी उपचार का पात्र होगा)। तो देर किस बात की है बस शुरू हो जाइये......भड़ास बनाने और निकालने में.......
जय जय भड़ास
जय जय भड़ास
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