पंद्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र में सोमवार को प्रणव मुखर्जी और लालकृष्ण आडवाणी ने सदस्यता की शपथ लेने में नवनिर्वाचित सांसदों की अगुवाई की। प्रोटेम स्पीकर माणिकराव गावित ने अध्यक्ष की कुर्सी संभालते हुए आज की कार्यवाही का संचालन किया।
सदन के नेता मुखर्जी और विपक्ष के नेता आडवाणी ने सबसे पहले शपथ ली। लोकसभा महासचिव पीडीटी आचारी ने उनके नाम पुकारे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जो राज्यसभा के सदस्य हैं, भी सदन में मौजूद थे। मुखर्जी और आडवाणी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हिन्दी में शपथ ली। फिर भाजपा नेता सुमित्रा महाजन ने संस्कृत भाषा में शपथ ग्रहण की। प्रियंका गांधी उनके पति राबर्ट वढेरा भाजपा नेता प्रकाश जावडेकर कांग्रेस नेता केशव राव राजीव शुक्ला और सपा नेता राम गोपाल यादव पूर्व सांसद रामदास अठावले भी विशिष्ट दीर्घा में बैठे नजर आए।
महासचिव द्वारा निर्वाचित सदस्यों की सूची सदन पटल पर रखे जाने के बादगावित ने कहा कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने वरिष्ठ सांसद बासुदेव आचार्य (माकपा), अर्जुन चरण सेठी (बीजद), बीरेन सिंह एंगटी (कांग्रेस) और सुमित्रा महाजन (भाजपा) को सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए मनोनीत किया है। गावित ने सदन को सूचित किया कि सपा सदस्य अखिलेश यादव ने 21 मई को फिरोजाबाद सीट से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा 26 मई को मंजूर कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 15वीं लोकसभा के प्रथम सत्र के पहले दिन 'नई शुरुआत' का आह्वान किया। संसद भवन में दाखिल होते समय कार पार्किग स्थल पर मीडिया को अपने संक्षिप्त संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि नए सत्र में संसदीय लोकतंत्र को नए तरीके से परिभाषित किया जाना चाहिए। उन्होंने एक 'नई शुरुआत' करने का भी आह्वान किया।
प्रधानमंत्री की अगवानी संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और नियोजन एवं संसदीय मामलों के मंत्री वी. नारायणस्वामी ने की।
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