पाँच साल तक सांसद रहे, दरभंगा विकाश के नाम पर कमीशन बाँट कर ऎसी सड़क का निर्माण कराया जो निर्माण के साथ ही ध्वस्त हो गयी, क्षेत्र में सड़क वहां बनवाया जहाँ या तो कोई परिचित था या फ़िर भाजपा का नेता आज फ़िर से कराहती दरभंगा के सांसद कीर्ति आजाद विकास की बाबत केन्द्र सरकार को कोस रहे हैं।
आजाद का बयान
1) कीर्ति झा आजाद ने कहा है कि पिछले 54 वर्षो से लोगों ने मिथिला की भावना से खिलवाड़ किया है। मिथिला वासियों को सिर्फ लूटने का प्रयास किया, जाति, धर्म के नाम पर लोगों को बांट कर सत्तासीन रहने की चाल चली गयी।
पाँच साल में आजान ने जितना दरभंगा को लूटा शायद किसी और सांसद ने लूटा हो विकास के नाम पर तमाम कोशों से कमीशन की किस दर पर भुगतान किया गया ये दरभंगा वाशी जानते हैं, वी आई पी रोड के बनने और टूटने को यहाँ के लोग कभी नही भूल सकते और सांसद चोरी की बात कर रहे हैं।
२) मिथिलांचल के लिये बाढ़ की समस्या एक बहुत बड़ी समस्या है। बाढ़ के प्रकोप से लाखों परिवार बर्बाद हो गये। फिर भी इसके स्थायी समाधान पर गंभीरता से नहीं पहल किया गया। जब केन्द्र में एनडीए की सरकार थी तो नेपाल सरकार से वार्ता कर हाई डैम बनाने पर सहमति बनी थी। उस समय बिहार में राजद की सरकार थी। इस सरकार को इसके लिये सर्वेक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया पर उसे समय पर नहीं सौंपा गया और एनडीए की सरकार का कार्यकाल समाप्त हो गया। प्रदेश में नीतीश की सरकार जबसे बनी है, विकास की गंगा बह रही है। बाढ़ की समस्या के निदान के लिए सरकार चिंतित है और प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग केन्द्र सरकार से की गयी है। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के बिना देश का विकास नहीं होगा और जब तक मिथिला का विकास नहीं होगा प्रदेश में विकास नहीं होगा।
केन्द्र का दोहरा चरित्र सबने देखा है जब विकाश के लिए सांसद और मंत्रियों की भरमार होते हुए भी केन्द्र ने बिहार की तरफ़ अंक मुंडा जबकी केन्द्र में सत्ता परिवर्तन होते ही सहयोग की राशि बढ़ती चली गए चाहे राज्य में vipriit पार्टी की सरकार ही क्यूँ न हो। एक बार फ़िर से सांसद की अपनी चुटिया से दरभंगा वाशी को चूतिया बनाने की मुहीम जारी है।
आजाद का यह कहना की वो पाँच साल तक क्षेत्र में रह कर स्थानीय विकास के लिए संघर्ष करेंगे गले से नीचे नही उतरने वाला है क्यूँकी लोग जानते हैं की कीर्ति या तो टी वी पर नजर आते हैं या फ़िर गलिमर से चकाचोंघ दुनिया में, पीछला कार्यकाल कीर्ति का बेहद निराशाजनक रहा था तो इस बार किस बूते लोग विश्वास कर लें जब की केन्द्र में भी विपरीत सरकार है।
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