भारत द्वारा चीन से लगी सीमा और इलाके में थलसैनिक और वायुसैनिक तैनाती बढ़ाने की योजनाएं जमीन पर लागू होने के मद्देनजर चीन ने अपने तेवर कड़े करने शुरू कर दिए हैं। सोमवार को भारतीय वायुसेना के चार अत्याधुनिक सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को चीन के निकट तेजपुर वायुसैनिक अड्डे पर तैनात किया गया। पिछले सप्ताह ही अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल, रिटायर्ड जनरल जे। जे. सिंह ने कहा था कि चीन से लगी सीमा पर दो डिविजन सेना तैनात की जाएगी।
भारत और चीन के बीच सीमा मसले पर विशेष प्रतिनिधियों के बीच 13वें दौर की बातचीत पिछले सितंबर से रुकी हुई है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके पर अपना अधिकार साफ तौर पर जताया है और इसी मसले पर दोनों देशों के बीच बातचीत अटक गई है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक पनबिजली परियोजना के लिए भी एशियाई विकास बैंक द्वारा कर्ज देने पर ऐतराज किया है। चीन की इन हरकतों से भारतीय सामरिक हलकों में घबराहट है कि चीन खासकर अरुणाचल प्रदेश के इलाके में भारत पर सैनिक दबाव बढ़ा सकता है।
सुखाई विमानों को तेजपुर में तैनात करने की योजना पर पिछले एक साल से तैयारी चल रही थी और इसकी सार्वजनिक जानकारी थी। इसलिए भारत की ओर से अचानक यह तैनाती नहीं हुई है, लेकिन चीन ने भारत की इस तैनाती को समग्रता में देखते हुए अनधिकृत तौर पर भारत को चेतावनी दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान के साथ ही चीनी सरकारी मीडिया में भारत विरोधी जो संपादकीय टिप्पणियां की गईं हैं, वे भारत और चीन के बीच आने वाले तनावपूर्ण रिश्तों की ओर इशारा करती हैं। हालांकि चीन की संवेदनशीलता को देखते हुए भारतीय रक्षा मंत्रालय ने तेजपुर में सुखोई-30 विमानों की तैनाती के समाचार संकलन के लिए मीडिया को जाने से रोक दिया।
चीन के अंग्रेजी दैनिक ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित टिप्पणियों को लेकर यहां राजनयिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि चीन भारत के साथ चल रही सीमा वार्ता में अपने तेवर दिखा सकता है। चीन का कहना है कि भारत सीमा से लगे इलाके पर सैन्य तैनाती न बढ़ाए। अन्यथा चीन भी इसी तरह अपनी तैनाती बढ़ाने को मजबूर होगा।
11 जून को अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के इस बयान को चीन ने गंभीरता से लिया है कि अरुणाचल इलाके में भारतीय सेना 25-30 हजार जवानों को और तैनात करेगी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता छिन कांग ने इस पर टिप्पणी करते हुए भारतीय अधिकारियों और मीडिया को सलाह दी कि चीन के संदर्भ में उग्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करें और चीन के साथ सहयोगी रिश्ते के लिए काम करें। लेकिन इसी दिन चीनी दैनिक ग्लोबल टाइम्स में संपादकीय टिप्पणियों में भारत को चेतावनी दी गई कि सीमा पर चीन को सैन्य चुनौती देने से बाज आए। यह टिप्पणी भी की गई कि चीन भारत से डरकर सीमा मसले पर भारत की बात नहीं मानेगा। एक अन्य रिपोर्ट में इसी दैनिक ने ऑनलाइन सर्वे के आधार पर यह भी छापा कि 90 प्रतिशत से अधिक चीनी लोग भारत को पहले नंबर का खतरा मानते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारतीय अधिकारियों और मीडिया की इन रिपोर्टस् का खंडन किया कि चीनी सेना अरुणाचल सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर रही है और अक्सर भारतीय इलाके में घुसपैठ करती है। हालांकि यहां राजनयिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि चीन सीमा पर भारतीय सैन्य तैनाती बढ़ाने के पीछे मुख्य इरादा सीमा मसले पर चीन का टेढ़ा होता रुख है।
चीन ने बार-बार अरुणाचल प्रदेश के इलाके पर अपना दावा जता कर भारत को मजबूर किया है कि चीन के किसी नापाक सैन्य इरादे को रोकने के लिए अभी से सचेत हो जाएं। चीन ने अपने इलाके में ढांचागत तैयारी इसी इरादे से की है कि जरूरत पड़ने पर कम से कम समय में भारतीय सीमा से लगी सीमा पर सैन्य तैनाती कर सके।
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