अडवाणी ji


कौन जीता

कौन हारा

मंथन करो, चिंतन करो और तप करो भगवान का

खूब इस्तेमाल किया नाम जय श्री राम का

पर न सत्ता मिल सकी और ख्बाब पूरे न हुए

आपसे श्रीमान रह गए थे कुछ पहलू अनछुए

नब्ज जनता की न पकड़ी

मैंदा में यूं ही उतर गए

जिनको था कमजोर समझा

सत्ता वो हर ले गए

देश की जनता ने भी उन नेताओं को दिखला दिया

कोई उनको छल सके ना इसबार ये बतला दिया

मुरली मनमोहन की फिर से

अपना जादू कर गई

सादगी राहुल की मन में

हरेक जन के भर गई

लाल कृ ष्ण के साज में वो सुर सुरीला न लगा

और कमल की शाख से तो बस उन्हें कांटा लगा

देश के विकास में जो भी रुचि दिखलाएगा

जनता की ये आवाज है सत्ता में वो ही आएगा

अब वोट न मिल पाएगा, बस पार्टी के नाम पर

अब तो कोई टिक पाएगा बस काम पर बस काम पर

शिवेश श्रीवास्तव

लेखक, पत्रकार, कॉटूनिस्ट, गीतकार-संगीतकार

लेखक, गिटारिस्ट, पियानिस्ट व चिंतक

और देश का जिम्मेदार नागरिक

3 comments:

रजनीश के झा (Rajneesh K Jha) said...

बढ़िया व्यंग,
जारी रहिये

Suman said...

good

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

शिवेश भाई बेहतरीन है, मजा आ गया
जय जय भड़ास

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