ईरान ने सोशल नेटवर्किंग की मशहूर वेबसाइट 'फेसबुक' पर प्रतिबंध लगा दिया है। ईरान सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि उसे लगता है कि राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले आगामी चुनावों के मद्देनजर एक सुधारवादी उम्मीदवार इस वेबसाइट की मदद से समर्थकों के साथ संपर्क साध रहा है।
बीबीसी ने ईरान की समाचार एजेंसी इलना (इरानियन लेबर न्यूज एजेंसी) के हवाले से लिखा है, 'इंटरनेट का उपयोग करने वाले कुछ लोगों के मुताबिक फेसबुक को इसलिए प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि सरकार को लगता है कि सुधारवादी नेता मीर हुसैन मौसावी इसका उपयोग अपने समर्थकों के साथ संपर्क साधने के लिए कर रहे हैं।' मौसावी 1989 में ईरान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। इसी साल इस पद को भंग कर दिया गया था। मौसावी 12 जून को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद अहमदीनेजाद को अच्छी टक्कर देते दिख रहे हैं।
मौसावी ने फेसबुक पर जो अपना 'पेज' तैयार किया है, उसके साथ लगभग 5000 समर्थक जुड़े हुए हैं। अब जो लोग इस वेबसाइट की सेवाएं लेना चाह रहे हैं, उन्हें निराशा झेलनी पड़ रही है क्योंकि उन्हें हर बार फारसी में एक संदेश पढ़ने को मिलता है। इस संदेश में लिखा होता है कि इस वेबसाइट का उपयोग संभव नहीं है।
1 comment:
यही फरक है लोकतंत्र और लोकतंत्र के दिखावे में ।
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