काठमांडू।। नेपाल में वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता माधव कुमार नेपाल मंगलवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-एकीकृत माओवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने बताया कि राष्ट्रपति राम बरन यादव नेपाल को मंगलवार को शपथ दिलाएंगे। सेना के साथ टकराव की वजह से तीन सप्ताह पहले माओवादी सरकार के सत्ता से हटने यहां राजनीतिक शून्य उत्पन्न हो गया था।
उनकी पार्टी ने रविवार को नई सरकार के गठन तथा मंत्रालयों के बंटवारे के बारे में रविवार को विचार-विमर्श शुरू कर दिया। नए प्रधानमंत्री के लिए अपनी पार्टी और 21 अन्य को साथ में लेकर चलना खासा चुनौतिपूर्ण होगा। इन्हीं की बदौलत शनिवार को वह निर्विरोध निर्वाचित हो सके।
नेपाल की दूसरी बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस का कहना है कि इस बारे में विचार-विमर्श जारी है कि सरकार में शामिल हुआ जाए या बाहर से समर्थन दिया जाए। पूर्ववर्ती माओवादी सरकार में एनसी मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में थी।
एनसी अध्यक्ष गिरिजा प्रसाद कोइराला ने कहा है कि नई सरकार के मार्गदर्शन के लिए एक सर्व-दलीय समिति के गठन के वास्ते सर्वसम्मति, सहयोग और एकता को प्राथमिकता दी जाएगी। कोइराला ने माओवादियों से भी सरकार में शामिल होने को कहा है जबकि उन्होंने यह न्यौता ठुकरा दिया है। वरिष्ठ माओवादी नेता एवं सांसद नारायण काजी श्रेष्ठा प्रकाश ने कहा, 'यह सरकार अस्वाभाविक है। इसका गठन साम्राज्यवादी और विस्तारवादी ताकतों ने किया है। हम इसका बहिष्कार करेंगे।'
माओवादी पुष्प कमल दहाल प्रचंड का स्थान लेने वाले नेपाल पर भारत की कठपुतली होने का आरोप लगा रहे हैं। इसके अलावा वे भारत पर भी नेपाल के अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी करने का आरोप लगा रहे हैं। नेपाल को मधेसी जनाधिकार फोरम का रुख भी परेशान कर सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नेपाल छोटे मंत्रिमंडल की घोषणा कर सकते हैं जिसका बाद में विस्तार किया जाएगा।
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