सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि जैन अदालत में किस धर्म ग्रन्थ की शपथ लेते हैं?

अभी कुछ दिन पहले महावीर जी ने भड़ास पर "गेस्ट अपीयरेन्स" में एक पोस्ट लिखी थी जिसमें कि भूतपूर्व राष्ट्रपति कमाल को कुछ मुनियों से वार्ता करते दिखाया गया था। जो साधुनुमा आदमी भाईसाहब डा.रूपेश के पास आया था उसने तमाम सवाल करे थे और कहा था कि वो लोग सत्यपुर टाइम्स नाम का समाचार पत्र निकालते हैं यदि कहें तो मैं उसके एक-एक पन्ने को भड़ास पर डालना शुरू करूं यदि महावीर जी उस आदमी के सवालों के उत्तर देने आगे आएं हैं ही तो क्योंकि उस बंदे का तो कहना है कि उस पर मीडिया इस लिये ध्यान नहीं देता क्योंकि ये प्रचार तंत्र अधिकांश इन्हीं लोगों का है। खैर जाने दीजिये ये बात उसकी है लेकिन एक सवाल उसका मुझे अभी भी चिपका है जब एक श्रेष्ठ मुनि ने कहा कि वे हिंदू(भौगोलिक नहीं, धार्मिक तौर पर) नहीं है; जब ये भिन्न धर्म के हैं तो फिर ये अदालतों में जाने पर सच बोलने के लिये किस धर्म ग्रन्थ पर हाथ रख कर सच बोलने की शपथ लेते हैं? आशा है कि महावीर सेमलानी जी के पास इस बात का संतोषजनक उत्तर होगा।
जय जय भड़ास

No comments:

Post a Comment