दिल्ली में शुक्रवार को एक विशेष सीबीआई अदालत ने दूरसंचार विभाग की पूर्व उप महानिदेशक रुनु घोष को तीन वर्ष के कठोर सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें आय से करीब 21 लाख रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित करने का दोषी पाया है.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश वीके माहेश्वरी ने रुनु घोष द्वारा गैरकानूनी तरीकों से अर्जित संपत्ति को भी जब्त करने के आदेश दिये। इसके अलावा उनके ऊपर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. रुनुघोष भारतीय लेखा सेवा की अधिकारी हैं और पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम के साथ दूरसंचार घोटाले में शामिल थीं.
न्यायालय ने उनकी सजा को दो महीने तक स्थगित रखा है ताकि दिल्ली उच्च न्यायालय में उन्हें इस फैसले के खिलाफ अपील करने का समय मिल सके। अदालत ने उन्हें 50 हजार रुपये का निजी मुचलका भरने पर दो महीने के लिये जमानत दे दी है.
न्यायायल ने 12 मई को भ्रष्टाचार निरोधिक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत उन्हें आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का दोषी ठहराया था और शुक्रवार को ये सजा सुनाई है।
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