शुरू में तो लोग तनाव कम करने के लिए पीते हैं पर धीरे धीरे उनका शारीर निकोटिन का आदी हो जाता और तब उस लत को छोड़ना बहुत मुश्किल होता है । पर क्या उसे यह मालुम है कि शुद्ध निकोटिन की एक बूँद उसकी जान ले सकती है।एक सिगरेट में करीब 10 मिल्लिग्राम निकोटिन रहता है जिसमेसे मनुष्य के शरीर में 1-2 मिल्लिग्राम ही जाता है । इसे धीमी गति का जहर भी कहते हैं ।
पर क्या इस लत को छोड़ा नहीं जा सकता , क्या यह छोड़ना इतना मुश्किल है ? यदि व्यक्ति चाहे तो मुश्किल कुछ भी नहीं होता , बस मन में संकल्प शक्ति होनी चाहिए और छोड़ने की इच्छा। यों तो लोग कहेंगे भाषण है पर फिर भी मैं बता दूँ ......
यदि आप सच में सिगरेट छोड़ना चाहते हैं तो यह कठिन नहीं है ..... जब भी आपको धूम्र पान करने की इच्छा हो बस जितनी गहरी सांस ले सकते हैं लीजिए और धीरे-धीरे छोड़ दें। ऐसा तीन बार करें। सोचिए कि आपका सारा तनाव धीरे-धीरे कम हो रहा है। यह योगिक तकनीक है, लेकिन इससे आपका तनाव कम होगा और आप आराम महसूस करेंगे। इसे प्रतिदिन करें, कुछ दिनों में ही फर्क महसूस होने लगेगा।
ज्यों ही धूम्र पान करने की इच्छा हो ....तुरन्त पानी या कोई पेय पदार्थ पी लें इससे आपकी धूम्र पान की इच्छा जाती रहेगी और कुछ ही दिनों में आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं ।
अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर भी धूम्रपान की लत से छुटकारा पाया जा सकता है। व्यायाम करें, सुबह या शाम जब भी समय मिले टहलें । इससे आपको अच्छा महसूस होगा।
----- कुसुम ठाकुर ----
साभार :- आर्यावर्त
6 comments:
sahi kaha aapne maine pasand ka ek chatka laga diya hai
maine bhi dhumrpaapar ek lekh likha hai
yahan padhen
sVachchhsandesh.blogspot.com
बहुत अच्छी जानकारी .....अच्छा सन्देश मिला ....पर हम धुम्रपान नहीं करते ......किसी और लत के शिकार है ....अगर शराब के अच्छे-बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी लाये तो ...अवश्य सूचित करे आपके आभारी रहेंगे ....फिल हाल इस जानकारी के लिए ...शुक्रिया
http://athaah.blogspot.com/2010/05/blog-post_4890.html
चिंतन-मनन कर लिखी गयी इस रचना के लिए आपका धन्यवाद /
जार्ज बर्नार्ड शा ने कहा था..."धूम्रपान छोडना कौन सा मुश्किल काम है. मै इसे पचासों बार छोड़ चुका हूं....!" हा हा हा हा .
पंकज झा.
maine puri tarah se chod diya hai...jyada mushkil nahi hui
मैं to सिगरेट hi नहीं पीता...
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