केन्द्रीय विद्यालयों में फिर से सांसद कोटा !!


केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय विद्यालयों में छात्रों के लिए संसद सदस्यों का नामांकन कोटा बहाल कर दिया है। संसद सभी सदस्य अब फिर दो-दो छात्रों के नामांकन की सिफारिश कर सकेंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में शुक्रवार को प्रश्नोत्तर काल में बताया कि अब संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य अब फिर दो-दो छात्रों के नामांकन की सिफारिश कर सकेंगे। सिब्बल ने कांग्रेस के पी जे कुरियन के एक सवाल पर कहा कि दोनों सदनों के सदस्यों की मांगों को देखते हुए उन्होंने गुरुवार को ही केन्द्रीय विद्यालय संगठन की एक बैठक में सांसद कोटा बहाल करने का फैसला किया।

यद्यपि स्वयं उन्होंने मानव संसाधन मंत्री तथा सांसद के तौर पर भी छात्रों के प्रवेश के लिए नामांकन का अपना कोटा छोड़ने का निर्णय लिया है। हाल ही में समाप्त किए गए इस कोटे की बहाली की घोषणा का सभी दलों के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया।

मानव संसाधन मंत्री ने माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के लिए प्रोत्साहन की योजना के बारे में भारतीय जनता पार्टी के कप्तान सिंह तथा कांग्रेस के कर्ण सिंह के सवालों पर माना कि छात्राओं के नकद प्रोत्साहन देने की योजना के क्रियान्वयन में काफी समय लग रहा है और कई मुश्किलें भी आ रही हैं। लेकिन उनका कहना था कि योजना के लिए लाभार्थियों की पहचान राज्य सरकारों को करना होता है, लेकिन पूरी योजना के क्रियान्वयन का दायित्व लेने से राज्यों के इनकार के कारण यह जिम्मेदारी केंद्र उठा रहा है। लिहाजा इसमें समय बहुत लग रहा है।

सिब्बल ने कहा कि क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए सरकार एक नई व्यवस्था बनाने पर विचार कर रही है। योजना में मध्यप्रदेश तथा आंध्र प्रदेश के साथ भेदभाव के कप्तान सिंह एवं तेलुगू देशम पार्टी के मैसूरा रेड्डी के आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने पूछा कि दोनों राज्यों ने दरअसल कोई प्रस्ताव भेजा ही नहीं, फिर उसे योजना में कैसे शामिल किया जाता या धनराशि कैसे दी जाती।

लड़कियों की शिक्षा प्रोत्साहित करने के लिए भी स्कूलों में उनके लिए अलग शौचालय तथा विश्राम कक्ष बनाने के डा. कर्ण सिंह के सुझाव पर उन्होंने कहा कि हाल ही में पारित शिक्षा का अधिकार कानून में आधारभूत संरचना खंड में इसकी अनिवार्यता का प्रावधान किया गया है।

No comments:

Post a Comment