प्रकाश झा की अगली फिल्म आरक्षण !!


प्रकाश झा 4 जून को अपनी फिल्म ‘राजनीति’ के प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। उनकी अगली फिल्म ‘आरक्षण’ में अमिताभ बच्चन और कैटरीना कैफ पिता-पुत्री की भूमिका में प्रस्तुत होंगे। प्रकाश झा एक ऐसे  फिल्मकार हैं, जो सामाजिक सोद्देश्यता की फिल्में रचते रहे हैं और अपने सीमित बजट के हिसाब से सफल फिल्में भी बनाते रहे हैं। ‘मृत्युदंड’, ‘गंगाजल’ और ‘अपहरण’ जैसी सार्थक फिल्मों में उन्हें सफलता मिली।


स्पष्ट है कि सभी तरह की फिल्मों के लिए दर्शक मौजूद हैं। व्यावसायिकता में गले तक डूबे कलाकार भी सार्थक फिल्म में सहर्ष काम करते हैं। प्रकाश झा के समर्पण के कारण अजय देवगन ने कभी उनसे अपना प्रचलित मेहनताना नहीं मांगा और दोनों के बीच कमाल का रिश्ता है। नाना पाटेकर के साथ भी ऐसा ही कुछ है। हालांकि सुना है कि ‘राजनीति’ में नाना को लगता था कि उन्हें ‘कल के छोकरे’ रणबीर कपूर से ज्यादा मिलना चाहिए, परंतु उन्हीं दिनों रणबीर अभिनीत ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ प्रदर्शित हुई, जिसका व्यवसाय नाना अभिनीत दर्जनभर फिल्मों से ज्यादा था।


बहरहाल, प्रकाश झा कभी सितारों की सनक के आगे झुके नहीं हैं। व्यावसायिकता में आकंठ आलीन कैटरीना कैफ को भी ‘राजनीति’ से इतना संतोष मिला है कि उन्होंने प्रकाश झा की इच्छानुसार कम मेहनताने पर ‘आरक्षण’ स्वीकार कर ली है। आज मनोरंजन के आपाधापी वाले दौर में प्रकाश झा ने अपने सिनेमाई स्कूल के लिए आरामदेह जगह बना ली है।


ज्ञातव्य है कि लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा ने राजनीति में कमंडल का दौर चलाया, जिसके जवाब में तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने सुषुप्त मंडल कमीशन के चिराग को घिसकर नया जिन्न प्रस्तुत किया। इसके चक्कर में कई युवकों ने आत्मदाह किया। राजनीति में जलती हुई चिताओं पर भी वोट की रोटियां सेंकी जाती हैं।


दरअसल सदियों से उपेक्षित वर्ग के लिए आरक्षण की सुविधा का संविधान में भरोसा दिया गया था। मंडल कमीशन के ही एक सदस्य ने चिंता अभिव्यक्त की थी कि जिन उपेक्षित लोगों के लिए यह सुविधा है, वह उन लोगों तक न पहुंचकर शोषक वर्ग के हाथ लग जाती है। अनेक जनजातियां अपने पहाड़ी अंचल से रोजी-रोटी की तलाश में दूर जा चुकी हैं। आरक्षण का औचित्य उचित व्यक्ति को मिलने में है। हमारी दूषित एवं भ्रष्ट व्यवस्था हर सुविधा को गरीब तक जाने ही नहीं देती। आम आदमी के हित में अनेक कानून बने हैं, परंतु उनका पालन नहीं होता। केंद्र से प्रवाहित सारी धाराएं समर्थ की ओर बहती हैं। हमारे समाज की ढलान ही एकतरफा है। अफसर बड़े आदमी के सम्मान में अपनी कैप उतारता है और गरीब पर डंडा चलाता है।


बहरहाल, प्रकाश झा की फिल्म ‘आरक्षण’ में अजय देवगन और मनोज वाजपेयी की सशक्त भूमिकाएं हैं और इसकी पूरी शूटिंग ‘राजनीति’ की तरह भोपाल में होगी। पुणो के निकट एक गांव में प्रकाश झा ने तीन फिल्मों की शूटिंग की और वहां अब अनेक फिल्मों की शूटिंग होती है। क्या इसी तरह प्रकाश झा भोपाल को भी सिनेमा के नक्शे में महत्वपूर्ण बना देंगे?

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