26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले का एकमात्र आरोपी कसाब पर सोमवार को फैसला होने जा रहा है। पूरी दुनिया को इस फैसले का बेसब्री से इंतजार है। इस फैसले को आने में अब मात्र 1 घंटा बाकी है। आर्थर रोड जेल को किले में तब्दील कर दिया गया है। मामले की सुनवाई कर रहे जज एमएल टाहिलियानी ठीक एक घंटे बाद कोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद यदि कोई विलंब होता है तो लगभग 45 मिनट लगेंगे। आईए जानते हैं क्या था मामला-
मुंबई के तट पर कुल 10 आतंकी उतरे थे।10 आतंकियों में से एक कसाब भी था, बाकी 9 मारे गए थे।मुंबई में घुसे आतंकियों ने अपने आपको विद्यार्थी बताया गया था।सभी 20 से 25 वर्ष के थे।
कसाब पर कुल 12 मामले दर्ज किए गए थे।12850 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई थी।3192 पन्नो के सबूत पेश किए गए।सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सबूत के तौर पर पेश की गई।आर्थर रोड जेल में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाया गया।मुंबई हमले में कुल 166 लोगों की मौत हुई थी। जिनमें से 25 लोग विदेशी थे।इस हमले में 304 लोग घायल हुए थे।23 मार्च 2010 को इस मामले पर बहस पूरी हुई।
फिलहाल आर्थर रोड जेल की सुरक्षा के लिए करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।कसाब को पेट में संक्रमण हो गया है, इसके चलते उसका ऑपरेशन किया जा सकता है। लेकिन यह ऑपरेशन कोर्ट का फैसला आने के बाद हो सकेगा।इस विशेष अदालत के जज एमएल टाहिलियानी फैसला सुनाएंगे।
2 comments:
कम से कम 1 साल तक तो कसाब आराम से रोटियाँ तोड़ेगा ...."
दोपहर12.07 बजे
कसाब को जेल की कोठरी से निकालकर विशेष अदालत के समक्ष पेश कर दिया गया है।
सुबह 11.10 बजे
विशेष अदालत की कार्रवाई शुरू हुई।
कसाब पर लगे ज्यादातर आरोपों की सजा या तो सजा-ए-मौत हो सकती है या फिर उम्र कैद।
यदि विशेष न्यायालय कसाब को सजा-ए-मौत देता है तो उच्च न्यायालय इस सजा पर पुनर्विचार करेगा। मौत की सजा को बरकरार रखने के लिए उच्च न्यायालय को इस फैसले पर संतुष्टि जाहिर करते हुए अपनी मुहर लगानी होगी।
उच्च न्यायाल इस स्तर आरोपी को दोष मुक्त कर सकता है या फिर दुबारा मुकदमा दायर करने का आदेश दे सकता है।
यदि उच्च न्यायालय कसाब पर लगाए गए अभियोग पर सहमत हो जाता है और सजा को बरकरार रखता है तो कसाब इस फैसले को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जा सकता है।
Post a Comment