ये परिनाहा मछली क्या है ?

आपने सुना मोदी ने राहुल को एक्वेरियम का मछली कहा ....... बदले में कांग्रेश के मनीष तिवारी ने मोदी को परिनाहा मछली कहा .....
मैंने एक लेख'' मछली का बाजार ...... संसद'' में लिखा की किस तरह वह मछली बेचने और चिल्लाने का गेम होता है
मुझे अपनी कही हुई बात इन बयानों के बाद याद गई
देश की सियासत सचमुच मछली बाजार में तब्दील हो चुकी है। संसद या विधानसभाओं में कई बार मछली बाजार का दृश्य उपस्थित रहता है। वहां शायद ही कोई चर्चा शांतिपूर्वक संपन्न हो पाती है। बड़ी मछली छोटी मछली को निगल जाती है उसी तरह बड़ा या स्थापित नेता छोटे नेताओं को निगलने में देर नही करतासच लगता है .... मत्स्य न्याय गया है .... अगर ऐसा है तो थू है ऐसी व्यवस्था पर

ऐसी व्यवस्था जिसमे परिनाहा मछली की तरह एक दुसरे को खाने के लिए दौड़ते हैइतना नीचा स्तर तो हमारी डेमोक्रेसी का नही था ........

4 comments:

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाई वो मछली परिनाहा न होकर "पिरान्हा" है जो कि आकार में तो मात्र अधिकतम एक फुट की होती हैं लेकिन इतनी खतरनाक होती हैं कि यदि कोई नाविक नाव से नदी में गिर जाए तो उसे पलक झपकते ही नोच-नोच कर खा जाती हैं। खुशी की बात है कि ये मछलियां हमारे देश में नहीं पायी जाती हैं बस नेता एक दूसरे को इनकी उपमा ही देते हैं :)वैसे ये उपमा एकदम सार्थक है सभी राजनेताओं के लिये....।
जय जय भड़ास

ज़ैनब शेख said...

हंसी आती है कि ये मगरमच्छ और घड़ियाल अब तक अपनी तुलनाएं बेचारी मछलियों से करते हैं
जय जय भड़ास

ab inconvenienti said...

अबे सोनिया के लल्लू, सुन ले कान खोल कर, मोदी पिरान्हा नहीं टाइगर शार्क है, तुझ जैसी सजावटी मछलियों की औकात कहाँ मोदी के सामने, ठीक है न राहुल बाबा!

mark rai said...

aap sabke comment ke liye thanks.

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