अब तो यकीन हो गया कि दाउद से तुम्हें पैसा मिलता है

बुढ़ऊ (रूपेश श्रीवास्तव)डर गये क्या मेरे सच उजागर करने वाले ब्लोग्स क्यों हटा दिये अब तो यकीन हो गया कि दाउद से तुम्हें पैसा मिलता है।

6 comments:

हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषा said...

प्रशांत भाई आप धीरे धीरे इस बात को समझ जाएंगे कि जो मानसिकता आपके सेल्फ़-डिस्ट्रक्शन का समर्थन कर रही है वही आपकी शत्रु है। भाई साहब का बूढा होना या मेरा हिजड़ा होना कमजोरी नही हैं नैतिक कमजोरी वह है जो आप दर्शा रहे हैं। यहां कोई भी आपसे मजाक करने के लिये नहीं है लेकिन चौपाल पर चुटकुले नहीं सुनाए जाते ऐसा भी वर्जित तो है नहीं....। दाउद से पैसा मिलना या पाकिस्तान से पैसा मिलना निराधार व तथ्यहीन बातें हैं आप ठोस सबूत पेश करिये ये आप भी जानते हैं कि मात्र दुराग्रह है कि इस तरह की अनर्गल बातें लिख कर आपकी सदस्यता समाप्त करके आपको जबरन बड़ा बनाया जाए। बड़ा बनने के लिये भाईसाहब को गाली देना या भड़ास पर निरर्थक आरोप लगाना कोई बड़ा काम नहीं है ऐसे आरोप तो लगा कर लोग नाम कमा ने का टोटका अपनाते हैं आप इससे बचिये
जय जय भड़ास

दीनबन्धु said...

क्या बाप को भी बुढ़ऊ कहता है भाई...
असंस्कारी बच्चा है तू
तुझे संस्कार देने पड़ेंगे
जय जय भड़ास

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

बूढ़ा होने से कोई इन्कार नहीं है क्योंकि ये अवस्था तो सबको आनी है जो युवावस्था में मर जाए तो बात अलग है, दूसरी बात कि यदि आप गाली गलौज करेंगे तब ही कोई पोस्ट हटाई जाएगी यदि आप अपने मत को संयत भाषा में रखते हैं तो हटाने का कोई कारण नहीं है, तीसरी बात कि मुझे या किसी भी भड़ासी को यदि दाउद(शायद आप माफ़िया डान दाउद इब्राहिम की बात कर रहे हैं) से किसी प्रकार से धन मिला है या उस अपराधी से कोई संबंध या संपर्क है तो उसके मान्य प्रमाण, साक्ष्य अथवा साक्षीदार पेश करिये। साक्षीदार का बयान वीडियो बना कर भड़ास के मंच पर डालिये और उसे पुलिस को दीजिये ताकि संवैधानिक तौर पर कार्यवाही हो सके अन्यथा इस तरह से आरोप लगाने से भला कुछ होने वाला है? आप जितने आरोप लगाएंगे उतना ही आपकी दम्भी दुराग्रही सोच पता चलेगी मुझे या किसी भड़ासी का कुछ नहीं बिगड़ेगा। आप पैसा खर्च करके साईबर कैफ़े से इंटरनेट प्रयोग कर रहे हैं तो इस पैसे का बच्चे के लिये फल,कपड़े और अच्छी शिक्षा में प्रयोग करिये अगर मेहनत की कमाई है तो इसे ऐसे मत उड़ाइये
जय जय भड़ास

रम्भा हसन said...

ये आदमी आत्मा और विचारों से हिजड़ा है। बच्चे पैदा कर लेने मात्र से पौरूष प्रमाणित नहीं हो जाता है। सुअर और गधे जैसे जानवर भी बच्चे पैदा करते हैं लेकिन तारीख उन्हें याद नहीं रखती। कीड़े-मकोड़ॊ जैसी जिंदगी और सोच से ऊपर उठो। लेकिन अगर तुम वाकई आदमी के शरीर में सुअर हो तब यदि तुम्हें टट्टी की जगह मिठाई खिला दी तो हजम न होगी। तुम्हें भी भड़ास के मंच पर दी हुई लोकतांत्रिक स्वतंत्रता पच नहीं पा रही है
जय जय भड़ास

24कैरेट सोना said...

अपने बूढे़ माता-पिता को तो इसने मुंबई आने वाली ट्रेन में हो सकता है कि पीछा छुड़ाने के लिये लाद दिया होगा जैसे कि अभी हाल ही की एक पोस्ट में हमारे भाईसाहब डा.रूपेश ने अत्यंत क्षुब्ध होकर लिखा था। ये लीचड़ भी उन्हीं बेटों में से है जो बुजुर्गों का सम्मान नहीं करना जानते और उस पर तुर्रा ये कि ये संघ से जुड़ा है। सिर्फ़ बूढ़ा होना आदर की बात नहीं होती क्योंकि यूं तो ओसामा बिन लादेन भी बूढ़ा है लेकिन व्यक्ति के कार्य उसे आदर के योग्य बना देते हैं ये चिरकुट इस बात को नहीं समझ सकता। पागल के जैसा कुछ भी प्रलाप लगाए पड़ा है कि दाउद से पैसा मिल रहा है तू भी कुछ ऐसा कर कि तुझे तेरा नाजायज बाप बाल ठाकरे रंडियों की कमाई में से जमा करा कुछ पैसा भेज दे।
जय जय भड़ास

चंदन श्रीवास्तव said...

रुपेश भईया अच्छा है इसने आपके लिए इस शब्द का उपयोग किया इससे इस शख्स की मानसिक स्थिति का पता चलता है. इसने अगर अपने बूढे मां बाप को अभी किसी ट्रेन में नहीं छोडा है तो जल्दी ही उनसे किसी भी तरह से पीछा छुडा लेगा. अच्छा हुआ इसके इस कथन से हमें पता चल गया कि इसके मां बाप पर कुछ दिनों में क्या बीतने वाली है या बीत चुकी है. हमारा फर्ज बनता है कि अगर किसी को इसके मां बाप का पता चले तो अवश्य उनकी मदद करें क्यूँ कि ऐसे नालायक से तो उन्हें भी कोई उम्मीद नहीं होगी.जय जय भड़ास

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