क्या यह बात सही है ?

जो मनुषय अपने से अधिक बुद्धिमान से वाद-विवाद करता है, इस विचार से कि दूसरे उसे बुद्धिमान समझें, वास्तव में वह मूर्खता को साबित कर रहा है।

2 comments:

अभिषेक आनंद said...

क्या ऐसा नही हो सकता कि अपने से बुद्धिमान से वाद विवाद कर अपनी कमी को समझने का प्रयत्न कर रहे हो. वैसे भी वाद विवाद या शास्त्रार्थ का उद्देश्य ही ज्ञान को बाँटना रहा है न कि विवाद करने वाले को मुर्ख साबित करना. अगर मई ग़लत हूँ तो क्षमाप्राथी रहूँगा.

अमित जैन (जोक्पीडिया ) said...

सिक्के के दो पहलु मे से एक पहलु ये भी है आनद भाई जो आप ने बताया , मै नासमझ यही तो समझने का पर्यास कर रहा हु , amitjain

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