श्री राजीव दीक्षित जी की व्याख्यानमाला से ।
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-2 ।
मित्रों, करीब सौ कड़ियों की इस व्याख्यानमाला की शुरूआत हम श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा सन 1997 में महाराष्ट्र के एक मंदिर में दिये गये ”भारत की आज़ादी का इतिहास“ नामक व्याख्यान से कर रहे हैं । हालांकि ये व्याख्यान 12 वर्ष पुराना है लेकिन तब से भारत देश की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि बहुत से मामलों में स्थिति खराब ही हुई है । उम्मीद है कि ये व्याख्यानमाला आपको पसंद आयेगी ।
भारत की आज़ादी का इतिहास:भाग - 3 जल्दी ही आपको सुनने को मिलेगा । जय हिंद ।
1 comment:
भाई एक बात बड़ी स्पष्ट और साफ़ है कि सच पुराना होने से जीर्ण या जर्जर नहीं हो जाता। मैं आपका तहेदिल से शुक्रगुजार हूं कि आपने डा.राजीव दीक्षित जैसे ओजस्वी व्यक्ति की आवाज में पोस्ट को बद्ध करके डाला है। भड़ास अब लोहा पिघलाने की गर्मी तक आ रहा है, विचारों की भट्टी सुलगाए रहिए ताकि बदलाव के औज़ार गढ़े जा सकें;हम नहीं रहेंगे लेकिन इतिहास आपके इस योगदान को भुला नहीं सकेगा(मेरे पास शब्द ही नहीं जुट पा रहे हैं)
जय जय भड़ास
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