2008 में जिसे नीचता कहते थे 2009 में उसे अच्छाइयों में गिनवा लूंगा

उर्दू स्कूल की बुर्केवाली टीचर मुनव्वर सुल्ताना, चेम्बूर(मुम्बई) की झोपड़पट्टी के पुराने गुंडे मोहम्मद उमर रफ़ाई, लोकल ट्रेन में भीख मांगते हिजड़े मनीषा नारायण को जो कि ब्लागिंग मे घुस आये थे मैंने उनकी सदस्यता रद्द करके हिंदी ब्लागिंग का वातावरण फिर से पवित्र बना लिया है। वर्ष २००८ में मैंने अपने तमाम गलत काम करे लेकिन अब मुझे वर्षांत में सद्बुद्धि प्राप्त हो गयी जिसके चलते मैंने २००९ की पवित्र और बहुजनहिताय शुरुआत के लिये अपनी गलतियां सुधार ली हैं। मैंने दुनिया का सबसे बड़ा हिंदी का ब्लाग रचा लेकिन उसमें कुछ बुरे लोग आ गये जिनकी सदस्यता को मैंने अत्यंत खामोशी से रद्द कर दी है। मुझे पता है कि लोग ज्यादा से ज्यादा चार या छह दिन इन बातों पर चीखते हैं फिर भूल जाते हैं और अब मैं बनियों से मिल कर सबको बनने का संदेश देना सीख चुका हूं इसलिए अब सबकी बेरोजगारी की कुंठा को अपने हित में प्रयोग करूंगा। जब उन्हें चूस कर बेकार कर दूंगा तब सदस्यता समाप्त कर सायबर स्पेस में चिल्लाते रहने के लिये थूक कर निकल जाउंगा। इसी प्रण के चलते मैंने इन लोगों की सदस्यता रद्द करी है लेकिन क्या किसी को हवा भी लगी?क्या ये हुनर मैंने अच्छा नहीं सीख लिया? चूतिया लोग चार दिन चिल्लाएंगे और चुप हो जाएंगे अब मुझें समझ में आ गया है कि किसे कैसे इस्तेमाल करना है इसी के चलते मैं २००८ में जिन बातों को कमीनाप्न और नीचता कहते थे २००९ में अच्छाइयों में गिनवाने में कामयाब हो जाउंगा उम्मीद है आप सब मेरे साथ होंगे।
दुनिया के सबसे बड़े हिंदी ब्लाग का "मादररेटर"
(ये मादररेटर शब्द मुझे बड़ा उचित लगा इस संदर्भ में यानि मां का मोल लगाने वाला)

1 comment:

फ़रहीन नाज़ said...

चिल्लाना-पुपुआना-रिरियाना-मिमियाना-खिसियाना-किच्चियाना का एक ही बनिया ब्रांड उत्तर कि चूतिया हैं कुछ दिन में शांत हो जाएंगे चुप्पी की कुप्पी लगाए रहो,हरामियों की जब तक कस कर बारात निकाल कर नंगा न करा जाए वो जमे रहते हैं तो जारी रखिये अपनी तुतुहरी बजाना हम भी सुर सुझाते रहेंगे
जय जय भड़ास

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